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नौ नवंबर को बिहार आ रहे राष्ट्रपति, करेंगे नए कृषि युग की शुरुआत

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौ नवंबर को बिहार यात्रा पर आ रहे हैं। बिहार में वे तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत करेंगे। यह वर्ष 2022 तक प्रभावी होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 31 Oct 2017 08:56 AM (IST)Updated: Tue, 31 Oct 2017 05:00 PM (IST)
नौ नवंबर को बिहार आ रहे राष्ट्रपति, करेंगे नए कृषि युग की शुरुआत
नौ नवंबर को बिहार आ रहे राष्ट्रपति, करेंगे नए कृषि युग की शुरुआत

पटना [राज्य ब्यूरो]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौ नवंबर को बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत करेंगे। यह वर्ष 2022 तक प्रभावी होगा। इसके जरिए अगले पांच वर्षों में अनाज उत्पादन में 15 फीसद वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। अभी औसतन करीब 150 से 170 लाख मीट्रिक टन अनाज का उत्पादन हो रहा है। इसे बढ़ाकर 225 लाख मीट्रिक टन करना है। रोडमैप की विशेषता जैविक खेती को प्रोत्साहित करना है। 

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योजना की लांचिंग के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति से आग्र्रह किया था। सोमवार को राष्ट्रपति भवन ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर कार्यक्रम की पुष्टि कर दी। कार्यक्रम पटना स्थित ज्ञान भवन के बापू सभागर में आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री भी भाग लेंगे।

दोपहर 11 बजे से चलने वाले इस कार्यक्रम में कृषि से संबंधित 12 विभागों के पदाधिकारियों समेत हजारों की संख्या में किसानों को भी बुलाया जा रहा है। राज्य का यह दूसरा कृषि रोडमैप होगा जिसे राष्ट्रपति लांच करेंगे।

नए कृषि रोडमैप के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने 16 जून को राज्य भर से जुटे करीब एक हजार किसानों की राय ली ली थी। इसके पहले 2012-17 के लिए बने कृषि रोडमैप को भी तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया था।

तीसरे कृषि रोडमैप की प्रस्तावित योजनाओं पर अगले पांच वर्षों में एक लाख 54 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि रोडमैप की शुरुआत 2007 में राच्य में पैदावार में वृद्धि, नई तकनीक के प्रचार-प्रसार और किसानों की आय में इजाफे के उद्देश्य से हुई थी। पहले संस्करण के बेहतर नतीजे के बाद राच्य सरकार ने 2012 में दूसरा कृषि रोडमैप को मंजूरी दी थी। 

एक घंटे पटना में रहेंगे राष्ट्रपति 

कृषि विभाग के मुताबिक राष्ट्रपति उस दिन करीब एक घंटे तक पटना में रहेंगे। वह कृषि रोडमैप के साथ कृषि से जुड़ी पांच और नई योजनाओं को लांच करेंगे। इनमें राच्य में बनने वाला जैविक कोरिडोर भी शामिल है। इसके अलावा मेघदूत और डीबीटी योजना को भी लांच करेंगे।

मेघदूत योजना में किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए प्रखंडों में मौसम केंद्र और पंचायतों में वर्षा मापक यंत्र लगाने हैं। इसी तरह डीबीटी योजना के तहत कृषि विभाग की प्रत्येक योजना का अनुदान लाभार्थियों को सीधे बैंक खाते में भेजने के लिए विभाग ने एक साफ्टवेयर तैयार किया है। उसे भी राष्ट्रपति लांच करेंगे। 


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