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बिहार में बदलने जा रहे हैं बालू घाटों को लेकर नियम, नए हाथ में बंदोबस्ती सौंपने की तैयारी

पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त बालू घाटों की बंदोबस्ती नए हाथों में सौंपने की तैयारी में है। जिन घाटों को पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त है वैसे घाटों को अन्य बंदोबस्तधारी को ट्रांसफर करने के प्रावधान नहीं हैं लेकिन सरकार नियमावली में नए नियम शामिल करने जा रही है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 01:47 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 01:47 PM (IST)
बिहार में बालू घाटों की बंदोबस्ती नए हाथ में सौंपने की तैयारी सरकार कर रही है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : खान एवं भू-तत्व विभाग पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त बालू घाटों की बंदोबस्ती नए हाथों में सौंपने की तैयारी में है। जिन घाटों को पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त है, वैसे घाटों को अन्य बंदोबस्तधारी को ट्रांसफर करने के प्रावधान नहीं हैं, लेकिन इसके लिए सरकार नियमावली में नए नियम शामिल करने जा रही है। जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी होने की संभावना है। 

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खान एवं भू-तत्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुरानी बालू नीति के तहत जिन बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई थी उन्हें नई बालू नीति स्वीकृत होने की प्रत्याशा में समय-समय पर 50 फीसद अधिक बंदोबस्त राशि देकर अवधि विस्तर दिया जाता रहा है। अभी हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने ऐसे ही घाटों को 30 सितंबर तक का अवधि विस्तार स्वीकृत किया है। 

13 जिलों के बंदोबस्तधारी सहमत भी हुए

सरकार के फैसले से 13 जिलों के बंदोबस्तधारी सहमत भी हुए। इन बंदोबस्तधारियों ने अप्रैल तक इन घाटों से बालू खनन, उठाव भी किया। लेकिन इसी बीच पटना, भोजपुर, औरंगाबाद, छपरा और रोहतास के कुछ बंदोबस्तधारियों ने अवैध खनन और परिवहन का हवाला देकर बालू घाटों के संचालन से हाथ खड़े कर दिए। लेकिन सरकार उनके निर्णय से सहमत नहीं। विभाग के सूत्र बताते हैं कि बालू के अवैध खनन, उठाव और परिवहन के खिलाफ निरंतर कार्रवाई हो रही है। स्थानीय प्रशासन और खान एवं भू-तत्व विभाग की ओर से 14500 से ज्यादा छापेमारी की गई। करीब 13 सौ प्राथमिकी दर्ज की गई। हजार से ज्यादा अवैध खनन या परिवहन करने वाले गिरफ्तार किए गए। 18 हजार वाहन जब्त किए गए। अवैध खनन में संलिप्त लोगों से 55 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है। 

2015 में भी बंदोबस्तधारी ऐसे ही आरोप लगा चुके

विभाग के सूत्र बताते हैं कि इसके पूर्व 2015 में भी बंदोबस्तधारी ऐसे ही आरोप लगा चुके हैं। बंदोबस्तधारियों की इस प्रकार की बार-बार की धमकी से आजिज विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर ने पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त घाटों की बंदोबस्ती अन्य हाथों में सौंपने के लिए नियमों में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि नए नियम निर्धारित होते ही बालू घाटों की बंदोबस्ती अन्य हाथों में सौंपी जा सकेगी।


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