दवा दुकान संचालक की बेटी जीएनएम परीक्षा में बनीं बिहार टॉपर
दवा दुकान संचालक जीएनएम कोर्स में यहां की बेटी ने 95.83 फीसद अंक लाकर बिहार टॉपर बनी। उसकी उपलब्धि से पूरा अरवल गौरवान्वित है।
By Edited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:55 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 12:28 PM (IST)
पटना, जेएनएन। जीएनएम कोर्स में यहां की बेटी ने 95.83 फीसद अंक लाकर बिहार टॉपर बनी। दवा दुकान संचालक विक्रमादित्य ¨सह की बेटी प्रीति प्रकाश के इस सफलता से यहां जश्न का माहौल कायम हो गया है। ¨कजर उच्च विद्यालय से 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा पास करने के उपरांत प्रीति मगध मेडिकल कॉलेज गया में जीएनएम की पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के उपरांत आयोजित परीक्षा में उसने पूरे राज्य में सबसे अधिक अंक लाकर टॉपर बनने का गौरव प्राप्त की है।
ज्योंहि लोगों को इस बात की जानकारी मिली लोग प्रीति के घर की ओर चल दिए। लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई देने लगे। प्रीति के पिता ने बताया कि मेरी बेटी शुरू से ही मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहती थी। लेकिन मेडिकल के इंट्रेंस परीक्षा में अच्छा रैंक नहीं आने के कारण सरकारी कॉलेज नहीं मिल पा रहा था। निजी मेडिकल कॉलेज का खर्च जुटाने की क्षमता हममे नहीं थी। उसके उपरांत वह जीएनएम की इंट्रेंस परीक्षा में शामिल हुई और सफलता प्राप्त कर नामांकन कराई।
प्रीति की मां रेणु कुमारी भी अपनी बेटी की इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमलोगों को विश्वास था कि वह एक दिन अपना मुकाम जरूर हासिल करेगी। अपनी सफलता पर प्रीति ने बताया कि नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य यशोदा मैम का भरपूर सहयोग मिला। उनके मार्गदर्शन से पढ़ाई करता रहा और यह सफलता प्राप्त हुई। वह इस क्षेत्र में रहते हुए गरीब तथा लाचार लोगों की सेवा करना चाहती है।
ज्योंहि लोगों को इस बात की जानकारी मिली लोग प्रीति के घर की ओर चल दिए। लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई देने लगे। प्रीति के पिता ने बताया कि मेरी बेटी शुरू से ही मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहती थी। लेकिन मेडिकल के इंट्रेंस परीक्षा में अच्छा रैंक नहीं आने के कारण सरकारी कॉलेज नहीं मिल पा रहा था। निजी मेडिकल कॉलेज का खर्च जुटाने की क्षमता हममे नहीं थी। उसके उपरांत वह जीएनएम की इंट्रेंस परीक्षा में शामिल हुई और सफलता प्राप्त कर नामांकन कराई।
प्रीति की मां रेणु कुमारी भी अपनी बेटी की इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमलोगों को विश्वास था कि वह एक दिन अपना मुकाम जरूर हासिल करेगी। अपनी सफलता पर प्रीति ने बताया कि नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य यशोदा मैम का भरपूर सहयोग मिला। उनके मार्गदर्शन से पढ़ाई करता रहा और यह सफलता प्राप्त हुई। वह इस क्षेत्र में रहते हुए गरीब तथा लाचार लोगों की सेवा करना चाहती है।
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