बिहार में अब सियासी बैनर-पोस्टर का महाभारत: वार-पलटवार के बीच अब JDU ने बदला नारा
बिहार में इन दिनों राजनीतिक दल चुनावी नारों में एक-दूसरे से मुकाबला करते दिख रहे हैं। यह रोचक मुकाबला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आसपास ही केंद्रित दिख रहा है।
By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 08:12 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 11:11 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों की लड़ाई अब बैनर-पोस्टर में उतर आई है। कुछ दिनों पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का चुनावी चेहरा बताते नारे (क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार) वाला एक बैनर पार्टी मुख्यालय पर लगाया तो जवाब में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी ठीक समाने स्थित अपने मुख्यालय पर जवाबी बैनर (क्यों ना करें विचार, बिहार है बीमार...) लगा दिया। अब इस जंग में जन अधिकार पार्टी (JAP) भी कूद पड़ी है। उसके बैनर पर लिखा है- हो चुका है विचार, देंगे उखाड़... कहीं के नहीं रहेंगे नीतीश कुमार। इस क्रम में अब जेडीयू फिर नए नारे (क्यों करें विचार, जब हैं हीं नीतीश कुमार) के साथ नया बैनर लेकर आया है।
इन बैनरों से एक बात तो स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को ले नारों का महाभारत अभी से शुरू है और इसके केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हैं। एक तरफ एनडीए में जेडीयू नीतीश कुमार को अभी से मुख्यमंत्री का चेहरा बताने लगी है तो विपक्ष भी मान रहा है कि लड़ाई नीतीश कुमार से ही है।
जेडीयू के बैनर के साथ हुई नारों की शुरुआत
बीते दो सितंबर को पटना के जेडीयू कार्यालय के पास लगे एक बैनर के साथ विघानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर राजनीतिक नारों की शुरुआत हुई। इस बैनर में बिहारी अंदाज में नारा (क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार) देकर यह बताया गया कि जब राज्य में नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं, वे सबसे अच्छे हैं तो दूसरे किसी नाम पर विचार करने की भला क्या जरूरत है।
आरजेडी ने किया पहला पलटवार
जेडीयू के नारे के बाद विपक्ष को तो जवाब देना ही था। सबसे पहले आरजेडी ने उसी पलटवार करता अपना बैनर लगाया। इसमें आरजेडी ने सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। आरजेडी ने जवाबी नारा दिया- 'क्यों ना करें विचार, बिहार है बीमार...।' अपने बैनर में आरजेडी ने चमकी बुखार, बाढ़, हत्या, सुखाड़, डकैती, अपहरण, लूट को दर्शाते हुए राज्य में कुव्यवस्था को दिखाया तथा नीतीश कुमार की नाकामियों को उजागर किया।
जेडीयू के इस नारे में 'ठीके तो हैं नीतीश कुमार' को लेकर विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया। हमलावर विपक्ष ने इसे 'कामचलाऊ मुख्यमंत्री' की संज्ञा देते हुए कहा कि बिहार को 'ठीके' नहीं 'ठीक' मुख्यमंत्री चाहिए।
आरजेडी ने जेडीयू के चुनावी नारे पर तेज कसती 36 लाइ्न की एक कविता भी जारी की। अब कविता पोस्टर के रूप में पटना में जगह-जगह लगाई गई है।
फिर अपने नारे के साथ आए पप्पू यादव
इसके बाद भला बिहार में तीसरे मोर्चे के गठने के लिए सक्रिय पप्पू यादव (Pappu Yadav) भला क्यों चुप रहते। उनकी जन अधिकार पार्टी ने भी अब नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बैनर लगाया है, जिसमें लिखा है- 'हो चुका है विचार, देंगे उखाड़... कहीं के नहीं रहेंगे नीतीश कुमार।'
पप्पू ने ट्वीट कर भी साधा निशाना
जन अधिकार पार्टी के पोस्टर के साथ पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने ट्विटर पर भी नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि लगभग 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी एक बार फिर क्यों? ना बाबा ना, बिल्कुल नहीं। बहुत हुआ, जाइये। बिहार को अब नई सरकार चाहिए। जो युवाओं को रोजगार दे सके तथा बिहार को शिक्षा और स्वास्थ्य में अव्वल बना सके।
फिर नए नारे के साथ सामने आया जेडीयू
विवाद बढ़ाता देख जेडीयू रविवार को नए नारे के साथ सामने आई है। पार्टी के नए बैनर में नया नारा दिया गया है- 'क्यों करें विचार, जब हैं हीं नीतीश कुमार।' जेडीयू का यह नारा उसके तीन दिन पहले दिए नारे (क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार) का संशोधित रूप है।
इन बैनरों से एक बात तो स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को ले नारों का महाभारत अभी से शुरू है और इसके केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हैं। एक तरफ एनडीए में जेडीयू नीतीश कुमार को अभी से मुख्यमंत्री का चेहरा बताने लगी है तो विपक्ष भी मान रहा है कि लड़ाई नीतीश कुमार से ही है।
जेडीयू के बैनर के साथ हुई नारों की शुरुआत
बीते दो सितंबर को पटना के जेडीयू कार्यालय के पास लगे एक बैनर के साथ विघानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर राजनीतिक नारों की शुरुआत हुई। इस बैनर में बिहारी अंदाज में नारा (क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार) देकर यह बताया गया कि जब राज्य में नीतीश कुमार विकास कर रहे हैं, वे सबसे अच्छे हैं तो दूसरे किसी नाम पर विचार करने की भला क्या जरूरत है।
आरजेडी ने किया पहला पलटवार
जेडीयू के नारे के बाद विपक्ष को तो जवाब देना ही था। सबसे पहले आरजेडी ने उसी पलटवार करता अपना बैनर लगाया। इसमें आरजेडी ने सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। आरजेडी ने जवाबी नारा दिया- 'क्यों ना करें विचार, बिहार है बीमार...।' अपने बैनर में आरजेडी ने चमकी बुखार, बाढ़, हत्या, सुखाड़, डकैती, अपहरण, लूट को दर्शाते हुए राज्य में कुव्यवस्था को दिखाया तथा नीतीश कुमार की नाकामियों को उजागर किया।
जेडीयू के इस नारे में 'ठीके तो हैं नीतीश कुमार' को लेकर विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया। हमलावर विपक्ष ने इसे 'कामचलाऊ मुख्यमंत्री' की संज्ञा देते हुए कहा कि बिहार को 'ठीके' नहीं 'ठीक' मुख्यमंत्री चाहिए।
आरजेडी ने जेडीयू के चुनावी नारे पर तेज कसती 36 लाइ्न की एक कविता भी जारी की। अब कविता पोस्टर के रूप में पटना में जगह-जगह लगाई गई है।
फिर अपने नारे के साथ आए पप्पू यादव
इसके बाद भला बिहार में तीसरे मोर्चे के गठने के लिए सक्रिय पप्पू यादव (Pappu Yadav) भला क्यों चुप रहते। उनकी जन अधिकार पार्टी ने भी अब नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बैनर लगाया है, जिसमें लिखा है- 'हो चुका है विचार, देंगे उखाड़... कहीं के नहीं रहेंगे नीतीश कुमार।'
पप्पू ने ट्वीट कर भी साधा निशाना
जन अधिकार पार्टी के पोस्टर के साथ पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने ट्विटर पर भी नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि लगभग 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी एक बार फिर क्यों? ना बाबा ना, बिल्कुल नहीं। बहुत हुआ, जाइये। बिहार को अब नई सरकार चाहिए। जो युवाओं को रोजगार दे सके तथा बिहार को शिक्षा और स्वास्थ्य में अव्वल बना सके।
फिर नए नारे के साथ सामने आया जेडीयू
विवाद बढ़ाता देख जेडीयू रविवार को नए नारे के साथ सामने आई है। पार्टी के नए बैनर में नया नारा दिया गया है- 'क्यों करें विचार, जब हैं हीं नीतीश कुमार।' जेडीयू का यह नारा उसके तीन दिन पहले दिए नारे (क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार) का संशोधित रूप है।
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