बिहार में हेरोइन की सबसे बड़ी खेप बरामद, कीमत 30 करोड़ से भी अधिक
पटना । डीआरआइ की टीम ने सुपौल के पास से एक ट्रक से 6.75 किलो हेरोइन बरामद किया है और इसकी तस्करी को ले जाने वाले तीन लोगो को गिरफ्तार किया है। हेरोइन की कीमत तीस करोड़ रूपये हैं।
पटना [जेएनएन]। पूर्ण शराबबंदी और नशाबंदी वाले राज्य बिहार के सुपौल से खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की पटना टीम ने बुधवार की देर रात को हेरोइन की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। हेरोइन की यह खेप असम की राजधानी गुवाहाटी से लखनऊ ले जाई जा रही थी। बरामद हेरोइन का वजन छह किलो 75 ग्राम है। भारतीय बाजार में इसकी कीमत 18 करोड़, 22 लाख, 50 हजार रुपये बताई जा रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 30 करोड़ से भी अधिक आंकी गई है।
डीआरआइ की टीम ने 6.075 किलोग्राम हेरोइन के साथ ट्रक के मालिक अली अहमद, ट्रक का ड्राइवर सुनील कुमार और खलासी रामकिशोर को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। जबकि लखनऊ में हेरोइन का रिसीवर मो. नफीस को भी डीआरआइ की लखनऊ टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार सभी हेरोइन तस्करों से डीआरआइ की टीम पूछताछ कर रही है। इनकी निशानदेही पर गुवाहाटी में भी कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
गुवाहाटी से लखनऊ ले जाई जा रही थी हेरोइन
डीआरआइ के सूत्रों ने बताया कि उन्हें एक गुप्त सूचना मिली थी कि गुवाहाटी से हेरोइन की एक बड़ी खेप धान लदे एक ट्रक से लखनऊ के लिए रवाना हुई है। डीआरआइ की टीम ने यूपी रजिस्ट्रेशन के ट्रक को सुपौल के आसनपुर कुफा स्थित कोसी पुल के समीप टॉल प्लाजा पर पकड़ा। ट्रक में धान लदा था। ऊपरी तौर पर डीआरआइ को ट्रक के किसी भी कोने से हेरोइन नहीं मिली।
बाद में जब ट्रक के केबिन की छत तोड़कर तलाशी ली गई तो उसमें बने गुप्त तहखाने से छह किलो, 75 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। डीआरआइ के अधिकारियों ने बताया कि बिहार के किसी भी स्थान से बरामद हेरोइन की यह अबतक की सबसे बड़ी खेप है।
थाइलैंड से म्यांमार के रास्ते गुवाहाटी लाई गई थी हेरोइन
बरामद हेरोइन थाइलैंड निर्मित है। इसे म्यांमार के रास्ते असम लाया गया था। हेरोइन को तीन दिन पूर्व गुवाहाटी में इस धान लदे ट्रक के केबिन की छत में बने गुप्त तहखाने में छुपाया गया था। डीआरआइ को तीन दिन पहले ही हेरोइन की इस तस्करी की खुफिया जानकारी मिल चुकी थी। डीआरआइ के पटना क्षेत्रीय कार्यालय से इसकी बरामदगी के लिए एक विशेष टीम का गठन कर उसे अररिया और सुपौल स्थित एनएच-57 से गुजरने वाले सभी ट्रकों की तलाशी लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।