पटना पुलिस को अपराधियों नहीं डेंगू से डर- अब तक चार की मौत, चार और बीमार
बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा है लेकिन इसकी चपेट में सर्वाधिक पुलिस वाले ही आ रहे हैं। अब तक चार पुलिस वालों की जान चली गई हैं। वहीं चार अब भी बीमार हैं।
पटना, जेएनएन। बिहार की राजनधानी पटना में पुलिस वाले अपराधियों से नहीं डर रहे हैं। अपराधियों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम हैं। लेकिन उन्हें अब डेंगू से ज्यादा डर लग रहा है। डेंगू के डंक से सर्वाधिक परेशानी पटना पुलिस को ही हो रही है। अब तक तीन पुलिस कर्मियों और एक सिपाही के बेटे की मौत हो गई है। मंगलवार को जहां एक और सिपाही की मौत हो गई, वहीं चार पुलिसकर्मी बुधवार को भी अपना इलाज करा रहे हैं।
दरअसल, बिहार में डेंगू का प्रकाेप कम नहीं हो रहा है। खासकर राजधानी पटना में कई मुहल्लों को डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया है। लेकिन पुलिसकर्मी कुछ ज्यादा ही पीडि़त हैं और लगातार मौत की चपेट में आ रहे हैं। मंगलवार को डेंगू से पटना पुलिस के एक और जवान की मौत हो गई। मृतक की पहचान सुनील कुमार (33) के रूप में हुई है। वे सिपाही संवर्ग में थे।
आरा जिले के कारीसाथ अंतर्गत कउरा गांव निवासी सिपाही सुनील कुमार बिहार स्टेट हाउसिंग को-ऑपरेटिव फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सिंह के बॉडीगार्ड के तौर पर प्रतिनियुक्त थे। कुछ दिन पहले से उन्हें तेज बुखार थी। इसके लिए उन्होंने ड्यूटी से छुट्टी भी ली थी। वे रविवार को आरा स्थित घर गए और तबीयत बिगडऩे पर पटना लौट आए। टेस्ट में डेंगू की पुष्टि होने के बाद उन्हें पाटलिपुत्र स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका प्लेटलेट्स 25 हजार से भी कम हो गया था। डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उन्होंने दम तोड़ दिया।
गौरतलब है कि सिपाही सुनील कुमार से पहले सिपाही मुकेश के सात वर्षीय बेटे, एएसआइ और जवान की डेंगू से मौत हो चुकी है। पुलिस मेन्स एसोसिएशन के पटना जिला अध्यक्ष संदीप कुमार यादव ने पुलिसकर्मियों की लगातार हो रही मौत पर चिंता जतायी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हो रही मौतों पर पूरा महकमा शोकाकुल है। इतना ही नहीं, बताया जाता है कि पटना के गांधी मैदान थाना में तैनात दो एएसआई और दो कांस्टेबल को भी डेंगू हो गया है और वे अपना इलाज करा रहे हैं।