BJP और JDU में झगड़े थे, फिर भी मोदी-नीतीश करते थे एक-दूसरे की तारीफ
पीएम मोदी और सीएम नीतीश अलग होते हुए भी एक-दूसरे की तारीफ करते रहते थे और आज साथ होकर भी एक-दूसरे की तारीफ करने का मौका नहीं गंवाते।
पटना [भुवनेश्वर वात्स्यायन]। बात दो वर्ष पहले की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर 2015 में रूस के दौरे पर गए थे। लौटने के क्रम में वह अफगानिस्तान से भारत लौटने वाले थे। अचानक खबर आई कि एयरफोर्स का वह विमान जिस पर प्रधानमंत्री सवार थे, लाहौर उतर गया है।प्रधानमंत्री अप्रत्याशित रूप से पाकिस्तान उतरे।पिछले दस वर्षों से कोई भारतीय प्रधानमंत्री पाकिस्तान नहीं गया था। एयरफोर्स के विमान से उतरने के बाद हेलीकाप्टर से वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने उनके आवास गए थे। प्रधानमंत्री के इस पाकिस्तान दौरे की बिहार के महागठबंधन के नेता लालू प्रसाद आलोचना कर रहे थे।
यह कह रहे थे- कहां गया 56 इंच का सीना। उस समय नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की राजनीतिक दुश्मनी जगजाहिर थी, लेकिन नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस पहल की सराहना की थी।
नोटबंदी पर पूरा विपक्ष एक ओर था, नीतीश पीएम के साथ दिखे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी लागू की, तब कांग्रेस से लेकर राजद तक ने इसका विरोध किया। पूरा विपक्ष आक्रामक था। वहीं नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए इसे साहसिक कदम बताया था। काले धन के खिलाफ केंद्र की इस लड़ाई में नीतीश ने खुद को साथ बताया। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी प्रधानमंत्री की तारीफ की थी। यह भी दुश्मनी वाला ही दौर था।
दोस्ती के बाद नीतीश ने कहा था मोदी जैसा शक्तिशाली कोई नहीं
जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह कहा कि देश में किसी नेता के पास यह क्षमता नहीं कि 2019 में वह नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सके। अक्टूबर 2017 में नीतीश कुमार ने यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ख्रासियत यह है कि वह फ्रंट से लडऩे वाले प्रधानमंत्री हैैं। एक पूर्व सांसद के रूप में कई प्रधानमंत्री को मैंने देखा है जिन्हें फ्रंट से नेतृत्व करने में हिचकिचाहट होती थी।
विरोध वाले दौर में ही मोदी ने भी नीतीश को सराहा था
पांच जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री 350 वें प्रकाशोत्सव के सिलसिले में पटना आए थे। गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी की जमकर तारीफ की। तब नीतीश कुमार के साथी लालू प्रसाद भी गांधी मैदान में मौजूद थे। भाजपा और नीतीश कुमार की राहें जुदा-जुदा थीं। समाज के लिए प्रधानमंत्री ने शराबबंदी को प्रेरणादायी बताया था।