प्रधानमंत्री का बिहार दौरा: जगी उम्मीदें, क्या राज्य सरकार रखेगी ये भी मांग?
पटना यूनिवर्सिटी आज शताब्दी दिवस समारोह मना रहा है, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत कर रहे हैं। एेसे में बिहार सरकार की पीएम से खास अपेक्षाएं भी होंगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना विवि के शताब्दी समारोह के सिलसिले में पटना आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मोकामा में रोड सेक्टर की चार बड़ी परियोजनाओं का कार्यारंभ भी करेंगे। इस मौके पर राज्य सरकार कुछ नयी परियोजनाओं पर भी बात रख सकती है।
रोड सेक्टर की जिन परियोजनाओं पर राज्य सरकार के स्तर पर चर्चा संभावित है उनमें प्राय: सभी का लिंक मोकामा होकर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी समारोह में मौजूद रहेंगे। गडकरी के समक्ष राज्य सरकार की ओर से पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव इन परियोजनाओं की चर्चा दो माह पूर्व कर चुके हैैं।
मोकामा-मुंगेर फोर लेन का मामला सर्वाधिक महत्वपूर्ण
पटना से मोकामा तक अब पूरी तरह से फोर लेन सड़क होगी। पटना से बख्तियारपुर के बीच फोर लेन सड़क पर परिचालन शुरू है और बख्तियारपुर से मोकामा तक का कार्यारंभ होना है। वहीं मोकामा से मुंगेर के बीच सड़क की स्थिति खराब है।
इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि मोकामा से मुंगेर तक की सड़क को ही फोरलेन सड़क में विकसित किया जाए। मालूम हो कि मुंगेर से मिर्जाचौकी तक ही नयी सड़क के निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है। यह सड़क बन जाती है तो पटना से भागलपुर की कनेक्टिवटी काफी सहज हो जाएगी।
बेगूसराय शहर के भीतर चार किमी एलिवेटेड सड़क
सिमरिया से खगडिय़ा के बीच बन रही फोर लेन सड़क के बेगूसराय शहर के भीतर का हिस्सा भी एलायनमेंट में शामिल है। यहां नियमित रूप से जाम की स्थिति रहती है। राज्य सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव दिया है कि बेगूसराय के शहर वाले हिस्से में चार किमी एलिवेटेड सड़क का निर्माण करा दिया जाए। प्रधानमंत्री की सभा में यह मामला भी रखा जा सकता है।
मुजफ्फरपुर-बरौनी सड़क को फोर लेन में बनाया जाए
मुजफ्फरपुर-बरौनी सड़क भी एक लाइफ लाइन के रूप में है। फिलहाल यह सड़क दो लेन है। इस पर ट्रैफिक लोड भी बढ़ा है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के समक्ष यह मांग रख सकती है कि इस दो लेन वाली सड़क को फोर लेन में विकसित कराया जाए।
रजौली-बख्तियारपुर फोर लेन
बिहार को झारखंड से जोडऩे वाली इस सड़क की फोरलेनिंग का मामला भी प्रधानमंत्री के समक्ष उठ सकता है। इस सड़़क की फोरलेनिंग का प्रयास एक बार पीपीपी मोड में किया गया पर बात नहीं बनी। फिलहाल यह सड़क एनएचएआइ के जिम्मे है।