पटना में रिटायर्ड दारोगा सहित तीन आतंकी गिरफ्तार, बिहार में चल रहा था भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का बड़ा खेल
पटना के फुलवारीशरीफ के नया टोला में मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण की आड़ में संचालित की जा रही थीं देश विरोधी गतिविधियां। पीएम मोदी के पटना आगमन से एक दिन पहले इंटेलीजेंस की सूचना पर हुई कार्रवाई। देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का चल रहा खेल। --------
पटना, जागरण टीम। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में केरल सहित अन्य कई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित कर भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन में शामिल करने के उद्देश्य का पर्दाफाश करते हुए सुरक्षा बलों ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे से ठीक एक दिन पहले सोमवार की रात दो गिरफ्तारियां की गईं। तीसरी गिरफ्तारी गुरुवार को की गई है। जबकि, छह अन्य की तलाश की जा रही है।
कई देशों से जुड़े थे यहां के तार
पटना में मार्शल आर्ट और शारीरिक प्रशिक्षण देने की आड़ में बहुत ही खतरनाक खेल चल रहा था। इसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित अन्य देशों से भी जुड़े होने के साक्ष्य मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इनलोगों की भनक लग चुकी थी। आइबी, दिल्ली से इनपुट मिलने के बाद सोमवार की देर रात चार थानों की पुलिस ने एएसपी मनीष के नेतृत्व में छापेमारी की। यह छापेमारी शरीफ नया टोला स्थित एसडीआइपी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया) और पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के कार्यालय में की गई। कार्रवाई के दौरान मकान मालिक जलालुदीन खान और अतहर परवेज को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि जलालुद्दीन झारखंड में दारोगा था और सेवानिवृत्त हो चुका है। बताया जा रहा है कि इस मामले में तीसरी गिफ्तारी भी गुरुवार को की गई है। सुरक्षा बलों के रडार पर कई और लोग भी हैं।
संगठन की आड़ में हथियारों का प्रशिक्षण
अतहर एसडीएफआइ नाम का संगठन बनाकर इसकी आड़ में सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर उनको गोपनीय रूप से प्रशिक्षण देता था। इसमें हथियार चलाने से लेकर देश में उन्माद पैदा करने की रणनीति बताई जाती थी। ये लोग विजन 2047 पर काम कर रहे थे, जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन के तहत देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के प्रयासों पर बल देना था। उनके पास से बरामद बुकलेट, दस्तावेज आदि से इसके प्रमाण मिले हैं।
केरल व अन्य राज्य से बुलाए जाते थे युवा
एनआइए और एटीएस के अधिकारियों ने दोनों से पूछताछ के बाद आइबी से मिली जानकारी का मिलान कराया। जांच में यह भी पता चला है कि फुलवारीशरीफ स्थित कार्यालय में केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्य से युवा प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे।
एनजीओ के नाम पर लिया था मकान
अतहर ने फुलवारीशरीफ में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया का कार्यालय खोल रखा था। उसने एनजीओ के नाम पर किराए पर मकान लिया था। यह कार्यालय करीब दो माह से चल रहा था, पर बाहर से कुछ पता नहीं चलता था। जलालुद्दीन से पूछताछ की जा रही है कि उसकी इसमें क्या भूमिका है। आइबी को यह सूचना मिली थी कि नया टोला में अतहर नाम का व्यक्ति एक संगठन बना कर देश विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहा है।
बहुत खतरनाक साजिश
एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि अतहर परवेज एसडीएफआइ नाम का एक संगठन बना कर इसकी आड़ में सिमी के पुराने सदस्यों को एकजुट कर उनको प्रशिक्षण देता था। छापेमारी के दौरान इनके कार्यालय से विजन 2047 का बुकलेट, पीएफआइ का झंडा, पंपलेट सहित कई सनसनीखेज दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
मिले हैं कई पुख्ता प्रमाण
इन लोगों के विरुद्ध कई ऐसी जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि वे देश को कमजोर करने एवं शांति व्यवस्था को भंग कर यहां की बदनामी कराने में शामिल हैं। इन्हें विदेश से भी फंडिंग की जा रही थी। अतहर परवेज और जलाउद्दीन खां की संपत्ति की भी जांच की जा रही है कि यह कहां से आई। दोनों को जेल भेज दिया गया है। इन्हें सुरक्षा एजेंसी रिमांड पर लेने की कार्यवाही करेगी। यह बात भी सामने आ रही है कि विभिन्न आतंकी घटनाओं में गिरफ्तार किए गए सदस्यों की जमानत आदि में भी विदेश से प्राप्त धन का उपयोग किया जाता था।