बिहार में भी पेट्रोल ने दी डीजल को मात, आज का दाम-Petrol@ 83.08-Diesel@77.14 प्रति लीटर
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत का असर सीधा लोगों के जनजीवन पर पड़ेगा। आज जहां बिहार में पेट्रोल की कीमत 83.08 रुपये प्रति लीटर है तो वहीं डीजल की कीमत 77.14 रुपये प्रति लीटर है।
पटना, जेएनएन। बिहार में भी पेट्रोल ने डीजल को मात दे दी है और राजधानी पटना में पेट्रोल के दाम 83 रुपये के पार पहुंच गए हैं, वहीं डीजल के दाम 77 रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। पटना की बात करें तो यहां शुक्रवार को पेट्रोल की कीमत 83.08 रुपये प्रति लीटर रही। वहीं डीजल के भाव 77.14 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए। बता दें कि 25 जून को पेट्रोल के दाम 82.91 रुपये प्रति लीटर पर था, वहीं डीजल के रेट 77 रुपये प्रति लीटर पर थे।
-मुजफ्फरपुर में पेट्रोल के दाम 83.35 रुपये प्रति लीटर है तो डीजल की कीमते 77.42 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई हैं।
-पूर्णिया में डीजल का रेट 77.84 रुपये प्रति लीटर है तो वहीं पेट्रोल 83.77 रुपये प्रति लीटर चल रहा है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा
पेट्रोल- डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। डीजल की कीमत बढऩे से यातायात की लागत बढ़ेगी। माल ढ़ुलाई में अधिक लागत बढऩे से उपयोग करने वाली सामग्री के दाम बढ़ेंगे।
एनआइटी पटना के सेवानिवृत्त इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. यूएस त्रियार ने बताया कि डीजल के दाम में वृद्धि से जहां एक ओर डीजल वाहनों की बिक्री प्रभावित होगी वहीं, कम उपयोग से पर्यावरण की सुरक्षा बढ़ेगी। पेट्रोल से ज्यादा डीजल पर्यावरण प्रदूषित करता है। हालांकि इसका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ेगा। पेट्रोल वाहन का उपयोग अधिक होगा।
बढ़ जाएगा बसों का किराया
बढ़ती तेल कीमतों की मार बस यात्रियों पर भी पड़ेगी। बस संचालकों ने किराया बढ़ाने की तैयारी कर ली है। लॉकडाउन के बाद डीजल की कीमतों में करीब 10 रुपए की वृद्धि हुई है। इस कारण बस परिचालन महंगा पड़ रहा है। संभावना है कि बस संचालक 25 से 30 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं। पूरे राज्य में 65 हजार निजी बसें और 600 बसें बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की हैं।
पिछले साल ही निजी बस संचालकों ने 20 प्रतिशत किराया में वृद्धि की थी। यानी एक साल में डेढ़ गुना किराया बढ़ जाएगा। एक साल पहले पटना से मुजफ्फपुर का किराया 90 रुपए था 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद इसे 110 रुपए कर दिया गया था और अब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद 143 रुपये किराया हो जाएगा।
बस संचालको का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के डर से बस में कम यात्री सफर कर रहे हैं। वहीं, तेल की कीमतें भी बढ़ गई है। इस कारण वे अब वर्तमान भाड़े में बस परिचालन करने में समर्थ नहीं है।
सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत करें नियंत्रित
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत नियंत्रित करें। ऐसा नहीं होने पर महंगाई बढ़ेगी। इसका सीधा असर आम जनता पर होगा।