बंदर के लिए चंदा करने को मजबूर हुए सिवान के इस गांव के लोग, डीएम को आवेदन देने का भी नहीं हुआ फायदा
बिहार के इस गांव में लोगों को बंदर के लिए चंदा जमा करना पड़ रहा है। इस बंदर के आतंक से जामो पंचायत के बहादुरपुर गांव के लोग आजिज हो चुके हैं। डीएम से कहने के बाद भी कोई विशेष फायदा नहीं हुआ है।
बड़हरिया (सिवान), संवाद सूत्र। पूजा के लिए, गली, नाली और बिजली के लिए गांव के लोगों को अक्सर चंदा करना पड़ जाता है। लेकिन इस बार मामला बंदर का हैे। एक बंदर से मुक्ति पाने के लिए सिवान जिले के जामो थाने के बहादुरपुर गांव के लोगों को चंदा जमा करना पड़ रहा है। इस पंचायत में शनिवार की शाम बंदर ने एक दर्जन से अधिक लोगों को काट कर घायल कर दिया। सभी घायलों का इलाज निजी अस्पतालों में कराया गया। इसके पहले भी बंदर द्वारा करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को काटकर घायल कर दिया गया है।
घायलों में गोल्डन साह, अशेष कुमार, गुडिय़ा खातून, अंकित कुमार, चंदन कुमार, रेशमा खातून आदि शामिल हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंचे कर्मियों ने बंदर को पकड़ने का काफी प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद विभाग द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों को 12 हजार रुपये देने पड़ेंगे। इसके बाद ग्रामीण चंदा एकत्रित करने में जुट गए।
- बंदर ने दर्जन लोगों को काटा, वन विभाग ने कहा, पकड़वाने के लिए देने पड़ेंगे 12 हजार
- ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के कर्मी बंदर को पकड़ने पहुंचे, नहीं मिली सफलता
- निजी संस्था की मदद से बंदर को पकड़वाने के लिए शुल्क देने की कही गई बात
इस संबंध में पंचायत समिति सदस्य छोटे अंसारी ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार को डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद वन विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि बंदर को पकड़वाने के लिए 12 हजार रुपये खर्च आएगा, जो ग्रामीणों को देना पड़ेगा, क्योंकि बंदर को अब निजी संस्थान की मदद से पकड़वाना होगा। इतना सुनते ही ग्रामीण सैमुल्लाह अंसारी, शमसुल हक, शौकत अली, अमन कुमार, चंद्रमा यादव, राजेश यादव, मनोज कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण चंदा एकत्रित करने में जुट गए। ग्रामीणों का कहना था कि बंदर के आतंक से घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बंदर कब और कहां हमला कर देगा इसको लेकर ग्रामीण भयभीत हैं।