लगातार बढ़ते मरीजों के आंकड़ों के बीच पटना की भीड़ है जो मिलने-जुलने से मानती नहीं
पटना के अलग-अलग स्थानों से ऐसी तस्वीरें उभर कर सामने आ रही हैं जो कोरोना को दावत देने के समान हैं। इसमें बैंक से पैसे निकालने वाले ग्राहकों की संख्या अधिक है।
पटना, जेएनएन। बिहार में गुरुवार को एक ही दिन कोरोना पॉजिटिव 12 मरीजों के मिलने से दहशत मच गई है। एक बात सबको मालूम है कि वायरस एक दूसरे से फैलता है इसके बावजूद पटना की भीड़ है जो मान नहीं रही। रोजाना शहर के अलग-अलग स्थानों से ऐसे तस्वीरें उभर कर सामने आ रही हैं जो कोरोना को दावत देने के समान हैं। इसमें सबसे ज्यादा जुटान खुली दुकानों और बैंक के बाहर राहत राशि निकालने वालों का हो रहा है।
बैंक के बाहर फिर वहीं कहानी
बुधवार की हालत तो गुरुवार को भी देखने को मिल रही है। फतुहा में गुरुवार को भी बैंकों के बाहर लोग चिपक-चिपककर खड़े नजर आ रहे हैं। बैंक कर्मी दूर रहने की हिदायत दे रहे हैं इसके बाद भी ग्राहक हैं कि मानने को तैयार नहीं। भीड़ पटना के गोविंद मित्रा रोड में भी दिख रही है। यहां बैंक से पैसे निकालने वाले नहीं हैं पर न जाने क्यों लोग इकट्ठा हुए हैं। तस्वीर देखकर तो यही प्रतीत होता है कि यहां लॉकडाउन खत्म कर दिया गया है।
निकाल लें रुपये नहीं तो हो जाएंगे वापस...
इसी बीच ग्रामीण उड़ती हुई अफवाह से परेशान हैं। कहा जा रहा है कि राहत के लिए आए रुपये जल्द निकाल लें, नहीं तो सारा पैसा वापस हो जाएगा। ऐसे में ग्रामीणों की बैंक और सीएचसी केंद्रों के बाहर जुटान बढ़ता जा रहा है।एक के पीछे एक लोग खड़े हो जा रहे हैं। कई मिनटों तक शरीर से शरीर रगड़ते हुए पैसे निकाले जा रहे हैं।
तैनाती के आदेश का नहीं दिख रहा असर
दो दिन पहले ही प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने आदेश बैंकों के बाहर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए होमगार्ड, दफादार व चौकीदार की तैनाती करने का आदेश दिया था। इनकी तैनाती सब्जी मंडी और दुकानों के बाहर फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए की जानी थी, लेकिन आदेश का पालन राजधानी में दूर-दूर तक नहीं हो रहा। शाम होते ही सब्जी मंडियों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो जा रहे हैं।