नालंदा में के लोगों को नहीं पसंद आ रहा गाड़ियों का VIP नंबर, मात्र 25 ने कराई बुकिंग
जिला परिवहन विभाग वीआईपी नंबर की बुकिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन वीआईपी नंबर के नाम पर कुछ ही खरीददार मिल पाए हैं। स्थिति यह है कि वीआइपी नंबर की बिक्री करने के लिए परिवहन पदाधिकारी लगातार वाहन डीलरों से संपर्क बनाए हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: जिला परिवहन विभाग वीआईपी नंबर की बुकिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन वीआईपी नंबर के नाम पर कुछ ही खरीददार मिल पाए हैं। स्थिति यह है कि वीआइपी नंबर की बिक्री करने के लिए परिवहन पदाधिकारी लगातार वाहन डीलरों से संपर्क बनाए हुए हैं। जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक साल में मात्र 25 वाहनों के लिए विभिन्न सीरिज के वीआइपी नंबर की बुकिंग वाहन मालिक एडवांस में कराए हुए हैं। इसके एवज में परिवहन विभाग को मात्र 4 लाख 1 हजार रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है।
सूबे में नालंदा का 22वां स्थान : डीटीओ
इस संबंध में डीटीओ मनोज कुमार ने बताया कि सबसे अधिक वीआइपी नंबर के खरीददार चार पहिया वाहन मालिक हैं। 18 चार पहिया, 3 ट्रक, 2 बस तथा 2 महंगी मोटरसाइकिल मालिकों ने वीआइपी नंबर के लिए एडवांस बुकिंग कराई है। उन्होंने बताया कि वीआइपी नंबर की बुकिंग के लिए लाख प्रयास करने के बावजूद सूबे की जिला राज्यस्तरीय रैंकिंग में 38 जिलों में नालंदा 22वां स्थान प्राप्त कर पाया है।
कैसे करें वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन बुकिंग
अगर आप अपने वाहन के लिए वीआइपी नंबर लेने के इच्छुक हैं तो बुकिंग करने का आसान तरीका मौजूद है। सर्वप्रथम आप www.parivahan.gov.in/vahan साइट को खोल लें। साइट खुलने के बाद फैंसी चॉइस बुकिंग पर क्लिक करें। वहां आप को ईमेल आइडी तथा मोबाइल नंबर का बाक्स दिखेगा। वहां आप ईमेल आइडी तथा अपना मोबाइल नंबर डाल कर रजिस्ट्रर्ड करके लॉगिन कर दें। इसके बाद सिलेक्ट व नो सिलेक्ट का आप्शन आएगा। आप नो सलेक्ट कर दें। सबसे आखिरी में आप को च्वाइस नंबर के लिए निर्धारित रेट के हिसाब से ऑनलाइन पेमेंट का प्रोसेस पूरा करना होगा। सब कुछ करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट का पावती लेकर परिवहन कार्यालय में जमा करना होगा।
वीआइपी नंबरों के लिए व्यवसायिक वाहनों का शुल्क काफी कम
परिवहन विभाग ने विभिन्न सीरिज के वीआइपी नंबर के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किया है। सबसे वीआइपी नंबर 0001, 0003, 0005, 0007, 0009 नंबर अगर आप प्राइवेट वाहन के लिए लेंगे तो एक लाख तथा व्यवसायिक वाहन के लिए मात्र 35 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। उसी तरह 0002, 0004, 0006, 0008, 0010, 0011, 0022, 0033, 0044, 0055, 0066, 0077, 0088, 0099, 0111, 0222, 0333, 0444, 0555, 0666, 0777, 0888, 0999, 1000, 1001, 1111, 2222, 3333 व 4444 के अलावा 2000, 3000, 4000, 5000, 6000, 7000, 8000 व 9000 इस सीरिज के नंबर प्राइवेट वाहन के लिए 60 हजार तथा व्यवसायिक वाहन के लिए 20 हजार रुपये लगेंगे। यहां बता दें की उक्त सीरीज के वीआईपी नंबर मोटरसाइकिल आदि के लिए नहीं है। इसी तरह कुछ सीरियल नंबर के लिए प्राइवेट वाहन के लिए 35 हजार तो व्यवसायिक वाहन तथा मोटरसाइकिल के लिए 15 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे।