पुराने नोट बदलवाने आए लोगों के जवाब सुनकर RBI कर्मी भी हैरान
30 दिसंबर की तय अवधि तक भी कुछ लोगों ने अपने पुराने नोट बैंकों में जमा नहीं कराए। इन लोगों ने जो वजह बताई उसे सुनकर बैंककर्मियों को हैरानी हुई साथ ही हंसी भी आई।
पटना [जेएनएन]। पटना के कुछ लोग एेसे भी हैं जिन्होंने 30 दिसंबर की समयसीमा के भीतर 500 या 1000 रुपये के अपने पुराने नोट बदलवाने या जमा नहीं कराए और अब एेसे-एेसे बहाने लेकर आरबीआइ की पटना शाखा में पहुंच रहे कि उनके बहाने सुनकर बैंककर्मी हैरान हैं और कुछ के बहाने एेसे हैं कि आप भी हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाएंगे।
- आरबीआइ के अॉफिस पहुंचे अमित कुमार के पास पुराने नोटों में 2000 रुपये हैं। उनका कहना है कि उनके घर में शादी थी और इस दौरान शादी वाले कपड़ों में ही 2000 रुपये रख दिए थे, जो उनको अचानक से घर की सफाई करने के दौरान कल हाथ लगे और अब वो उन्हें बदलना चाहते हैं।
-रामचंद्र प्रसाद पटना में ठेले पर फल बेचते हैं और इनके पास 5000 के पुराने नोट हैं जिन्हें वे बदलने आए थे वजह बताते हैं कि उनकी पत्नी ने यह नोट घर के किसी कोने में छुपा दिए थे और 2 महीने के लिए अपनी मां के घर चली गई थी। इसी कारण वह इन नोटों को बदलवा या जमा नहीं करवा पाए।
पढ़ें - PM मोदी ने मान ली CM नीतीश की बात, कहा - अगला टारगेट 'बेनामी संपत्ति'
-चंदू कुमार ने बताया कि पिछले दो महीने से खेती के लिए अपने घर मुंगेर गए हुए थे। इस दौरान उन्हें पटना आने का मौका ही नहीं मिला। गुरुवार को जब मुंगेर से वापस पटना लौटे तो घर में पड़े 3000 रुपये के पुराने नोट मिले, जिन्हें बदलवाने के लिए वह आज आरबीआई पहुंचे हैं।
-मनोज कुमार ने कहा कि मेरे पास 2000 के पुराने नोट पड़े हुए थे जिन्हें बदलने आए हैं। वजह पूछने पर बताते हैं कि घर में पड़े बक्से में उन्होंने यह नोट रखे हुए थे और जब कपड़े निकालने के लिए कल बक्सा खोला तो उनके हाथ ये पुराने नोट लगे।
- अनिमेष कुमार एक छात्र हैं और वह बताते है कि इनके पास 1000 रुपये के पुराने नोट पड़े हुए थे अचानक नए साल पर 1 जनवरी को उन्हें अपने बिस्तर के नीचे हजार रुपये का एक नोट मिला। अनिमेष कहते हैं कि वह कई बार बिस्तर के नीचे पैसे रखते हैं।
पढ़ें - नोटबंदी से जूझ रहा बिहार : शहरों में थोड़ी खुशी, गांवों में थोड़ा गम
- छोटू कुमार के पास 500 रुपये का एक नोट बचा है। वह कहते हैं कि इस नोट को इसलिए नहीं बदलवा पाए, क्योंकि वह अकेले रहते हैं। छोटू बताते हैं कि उन्होंने 500 रुपये के इस नोट को अपने शर्ट के पॉकेट में रख दिया था और अचानक दो महीने बाद वह शर्ट पहना, तो उन्हें यह पुराना नोट मिला।
हालांकि इन लोगों की मेहनत बेकार गई। आरबीआइ ने इन लोगों की कोई भी मदद करने से इंकार कर दिया और इनके हाथ मायूसी ही लगी।