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कागज पर दिखा आश्रयहीन होते पशुओं का दर्द

चंद पलों में स्कूली बच्चों ने तस्वीरें उकेर कर बता दिया कि मानव और जंगली जानवरों के बीच टकराव बढ़ रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 01:41 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 01:41 AM (IST)
कागज पर दिखा आश्रयहीन होते पशुओं का दर्द

पटना। चंद पलों में स्कूली बच्चों ने तस्वीरें उकेर कर बता दिया कि मानव और जंगली जानवरों के बीच टकराव क्यों हो रहे हैं। अधिकांश बच्चों ने जंगल कटने से भोजन और पानी की तलाश में जानवरों को मानव आबादी की तरफ आते दिखाया है। तस्वीरें स्पष्ट कर दे रही हैं कि मानव अपनी सुख सुविधा के लिए जंगलों की कटाई कर रहा है। जंगल वन्य प्राणियों का आवास है। पानी और भोजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहे हैं।

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वन्य प्राणी सप्ताह के प्रथम दिन तीन ग्रुप में चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस साल कोई स्कूल भाग नहीं ले रहा है। व्यक्तिगत रूप से स्कूली बच्चे पहुंचे। प्रतिवर्ष 500 से 1000 तक बच्चे आते रहे हैं। इस वर्ष करीब 100 बच्चे भाग ले पाए। आयोजन में थोड़ी कमी के कारण कुछ दिक्कतें भी हुई।

छात्रों ने बनाया वन्य प्राणियों की तस्वीर को पोस्टर

चिड़ियाघर के शिक्षा केंद्र में पोस्टर डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें आर्ट के 21 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। वन्य प्राणियों की तस्वीरें विभिन्न आकृतियों में बनाई। उद्यान प्रशान की तरफ इन बच्चों को पेंट से लेकर भोजन तक उपलब्ध कराया गया।

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क्विज प्रतियोगिता के लिए नौ बजे से रजिस्ट्रेशन

पटना। वन्य प्राणी सप्ताह के दूसरे दिन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन होगा। स्कूली बच्चे लिखित परीक्षा देंगे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों का स्कूल के आधार पर ग्रुप बनेगा। पांच ग्रुप के लिए बच्चे चयनित होंगे। इस प्रतियोगिता में मात्र कक्षा नौ और दस के छात्र-छात्राएं भाग ले सकते हैं।

शुक्रवार को चिड़ियाघर कर्मियों का मॉक-ड्रिल भी होगा। जानवर केज में गिरे व्यक्ति की जान बचाते उद्यान कर्मी नजर आएंगे। सभी उम्र के लोगों के लिए फोटोग्राफी प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा।

बॉक्स

गेट पर वन्य प्राणी दिखेंगे

पटना। संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट संख्या दो स्मार्ट बनने के कगार पर है। उद्यान के गेट के ऊपर जिराफ, शेर और बाघ की आकृति लगी है। बीच में गैंडा की आकृति लगाने की तैयारी है। गेट के किनारे वाले भाग में गैंडा, घड़ियाल और बंदर को एक साथ दिखाकर कलाकृतियां की गई है। गेट पर लगे लोहे के गेट में दोनों तरफ आठ-आठ खाना बनाया गया है। इसमें चिड़ियाघर के वन्य प्राणियों की तस्वीरें लगाई जा रही है। यानी गेट संख्या दो पर ही वन्य प्राणियों का दर्शन कराने की तैयारी है। गेट संख्या दो के पास पटना जू का आकर्षक बोर्ड भी लगा दिया गया है। दो दिनों में गेट का स्वरूप पूरी तरह से बदला-बदला दिखेगा।


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