पटना की मधुमिता को गूगल में एक करोड़ की नौकरी
पटना [जेएनएन]। बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में बिहार के रहने वाले लोग आगे बढ़ते जा
पटना [जेएनएन]। बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में बिहार के रहने वाले लोग आगे बढ़ते जाते है। चाहे वह सिविल सेवा की बात हो या फिर आइआइटी या फिर प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने की। हर क्षेत्र में वह अव्वल दिखाई पड़ता है।
अब देखिए न, गूगल में नौकरी पाने के लिए लोगों का हार्दिक तमन्ना रहती है। और कही मिल जाए तो लोग अच्छी अच्छी नौकरी तक को ठुकरा देते है। खगौल की छात्रा मधुमिता को गूगल ने नौकरी के लिए एक करोड़ का सालाना पैकेज दिया है। टेक्निकल सॉल्यूशन इंजीनियर के पद पर स्विट्जरलैंड में उसका प्लेसमेंट हुआ है। इससे पूर्व मधुमिता के पास मर्सिडीज और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों से भी ऑफर आया था। मधुमिता सोमवार से गूगल में अपनी सेवा देंगी।
मधुमिता ने बताया कि सात चरणों के इंटरव्यू को पास करने के बाद सफलता मिली। गूगल में काम करना सपने पूरे होने जैसा है। वह कहती है कि जब आप सपना देखते है और वह पूरा होते दिखाई देता है कभी कभी विश्वास ही नहीं होता। और जब पूरा हो जाता है यकीन करना मुश्किल हो जाता है। मधुमिता कहना है कि लक्ष्य निर्धारण के साथ दृढ़ संकल्प हो तो आइआइटी जैसे संस्थानों से शिक्षा ग्रहण किए बिना भी बड़े मुकाम को हासिल किया जा सकता है। मधुमिता की प्रारंभिक शिक्षा वाल्मी के डीएवी से हुई। इसके बाद आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जयपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद एपीजी बेंगलुरु में प्लेसमेंट हुआ। मधुमिता अपने माता-पिता और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपनी प्रेरणा मानती हैं। पता सुरेंद्र शर्मा आरपीएफ हाजीपुर में सहायक कमांडेंट हैं। भाई इंजीनिय¨रग तो बहन मेडिकल की तैयारी कर रही है।