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पटना में बर्फीली हवा की तेजी से धूप भी पड़ी फीकी, ऑरेंज अलर्ट में ठिठुरन से दुबके राजधानीवासी

राजधानी में मंगलवार की सुबह बर्फीली हवा की तेज गति से वातावरण में निकली धूप भी ठंड के सामने फीकी पड़ रही है। ऑरेंज अलर्ट में ठिठुरन से लोग घरों में दुबके हुए हैं। राजधानी के पार्क व मैदान खाली हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:54 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:54 AM (IST)
पटना में मंगलवार की सुबह धूप जरूर निकली मगर ठंडी हवाओं ने परेशानी बढ़ा दी।

जागरण संवाददाता, पटना: राजधानी में मंगलवार की सुबह बर्फीली हवा की तेज गति से वातावरण में निकली धूप भी ठंड के सामने फीकी पड़ रही है। ऑरेंज अलर्ट में ठिठुरन से लोग घरों में दुबके हुए हैं। राजधानी के पार्क व मैदान खाली हैं। सड़कों पर बहुत कम लोग ही दिखाई दे रहे हैं। हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र ने कल यानी बुधवार से मौसम में सुधार होने का संकेत दिया है। सुबह और शाम को ठंड जारी रहेगी। दिन में धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

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पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में बर्फीली हवा चलने के कारण बिहार समेत पूरा उत्तर भारत में ठंड की चपेट में है। शीतलहर ने पूरे प्रदेश को अपने आगोश में ले लिया है। उधर हिमालय पर हो रही जमकर बर्फबारी एवं बारिश ने देश के मैदानी इलाके को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। बर्फबारी का सीधा असर है कि मैदानी इलाके शीतलहर से कांप रहे हैं। वातावरण में ठंड बढ़ जाने से लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। बल्कि घर का वातावरण भी काफी ठंडा हो गया है जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस तरह की स्थिति एक सप्ताह तक बने रहने की उम्मीद है। तापमान में उतार-चढ़ाव हो सकता है लेकिन फिलहाल ठंड से पूरी तरह से निजात मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

ठंड से लोग रहें सावधान

मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, यानी लोगों को ठंड के प्रति बेहद सावधान रहने की जरूरत है। लोगों की जरा सी लापरवाही उन्हें ठंड का शिकार बना सकती है। उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार की समस्या हो सकती है। कोल्ड डायरिया के मरीज भी आजकल अस्पतालों में बढने लगे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि ठंड के दौरान होने वाली बीमारियों में लगभग 30 से 40 फीसद की वृद्धि हुई है। खासकर बच्चे ठंड के जल्दी शिकार हो जा रहे हैं। उन्हें सावधानी से रखने की जरूरत है, बच्चों को अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकालें। बाहर ले जाते समय भी गर्म कपड़ा से पूरी तरह ढंक कर रखें। घर का वातावरण  गर्म रखने का प्रयास करें। बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों का भी ख्याल रखना बहुत जरूरी है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एके झा का कहना है कि फिलहाल हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए हैं। मौसम में हो रहे उतार-चढ़ाव बीपी के मरीजों के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है, ऐसे में बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत है।


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