Move to Jagran APP

पीयू शताब्दी समारोह: उपलब्धियों की बात होगी तो इनकी भी होगी चर्चा, जानिए

पटना विश्वविद्यालय ने अपने सौ साल पूरे कर लिए, इसका स्वर्णिम इतिहास रहा है। यहां के पूर्ववर्ती छात्रों ने दुनिया के हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहराया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 08:41 AM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 06:24 PM (IST)
पीयू शताब्दी समारोह: उपलब्धियों की बात होगी तो इनकी भी होगी चर्चा, जानिए
पीयू शताब्दी समारोह: उपलब्धियों की बात होगी तो इनकी भी होगी चर्चा, जानिए

पटना [राज्य ब्यूरो]। यह सच है कि भागती दौड़ती जिन्दगी में आज आदमी के पास समय नहीं है। लेकिन, अगर किसी रोज दुनिया की भाग दौड़ में थक गए और वक्त मिला तो पुरानी किताब के पन्ने जरूर पलटे। किताब इतिहास से परिचित कराती हो तो फिर क्या कहने।

loksabha election banner

14 अक्टूबर को शिक्षा के सिरमौर संस्थान पटना विश्वविद्यालय का शताब्दी समारोह है। इस संस्थान ने अपने अस्तित्व के सौ वर्ष पूरे कर लिए। यह बड़ी उपलब्धि है। संस्थान के लिए भी और प्रदेश के लिए भी।  सौ वर्ष का समय छोटा नहीं होता। काफी दिनों से इस बात की चर्चा है।

जाहिर है ऐसे में मन में कौतूहल होगा ही। हुआ भी। तब एक पुरानी किताब के पन्ने उलट लिए। जानकारियां ऐसी-ऐसी की पन्ने पलटते गए पर मन भरा नहीं अलबत्ता कौतूहल जरूर बढ़ता गया। 

किताब पटना विश्वविद्यालय के अतीत में लेकर चली गई। तब कई चीजें मानो दिखाई सी पडऩे लगी। जेपी (जयप्रकाश नारायण) हाथों में दो-चार किताबें थामे क्लास की ओर बढ़ रहे हैं। पीछे-पीछे दिनकर भी हैं।

इन दो प्रमुख लोगों के साथ ही दर्जनों ऐसे अन्य नाम भी हैं जो आज किसी पहचान को मोहताज नहीं। दरअसल पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों ने ऐसे ऐसे होनहार विद्यार्थियों को शिक्षा दी है जिनका नाम आज बुलंदियां के  शिखर पर है। ये तमाम नाम आज किसी पहचान को मोहताज नहीं। संस्थान खुद मानता है कि यह तमाम लोग उसके स्कॉलर हैं। 

वकालत के क्षेत्र के कुछ नाम की यदि चर्चा करें तो सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीपी सिन्हा, एलएम शर्मा, मद्रास और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केबीएन सिन्हा, भारत के पहले एटार्नी जनरल लाल नारायण सिन्हा।

राजनेताओं की बात करें तो श्रीकृष्ण सिंह, अनुग्रह नारायण सिन्हा, जयप्रकाश नारायण, बलिराम भगत, जगजीवन राम, यशवंत सिन्हा, कर्पूरी ठाकुर, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रविशंकर प्रसाद, रामविलास पासवान और शत्रुघ्न सिन्हा। कुछ छात्र तो यहां से पढऩे के बाद इसी संस्थान की सेवा में लगे और उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में वह ख्याति अर्जित की जो कम लोगों को नसीब होती है।

इनमें से यदि कुछ के नाम लिए जाएं तो पटना विवि के पूर्व कुलपति जेजी जिनिंग्स, वीएस जैक्सन, जादूनाथ सरकार, डॉ. डीएम दत्ता, डॉ. एचपी मैती। प्रशासनिक सेवा में बड़े ओहदे पर रहे लोगों की बात करें तो पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे, भारत सरकार में गृह विभाग के सचिव रहे बाल्मिकी प्रसाद, सचिन दत्ता, यशवंत सिन्हा, सैयद शहाबुद्दीन, त्रिनाथ मिश्रा जैसे अनेक नाम हैं।

इनमें से दर्जनों लोग ऐसे हैं जिन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे सम्मान देकर इनका सम्मान तो बढ़ाया ही साथ ही साथ पटना विश्वविद्यालय का सम्मान भी बढ़ाया है। 

जिन्हें मिला पद्म सम्मान : 

रामधारी सिंह दिनकर - पद्म भूषण, साहित्य अकादमी

डॉ. बी. मुखोपाध्याय - पद्म भूषण

बिन्देश्वर पाठक -   पद्मश्री

कलीम अजित - पद्मश्री

प्रो. कलीमुद्दीन अहमद - पद्मश्री

लाला सूरज नंदन प्रसाद - पद्मश्री

चंद्रेश्वर प्रसाद ठाकुर - पद्मश्री

डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा - पद्मश्री

प्रो. हसन असगरी - पद्मश्री

प्रो. एसएन श्रीवास्तव - पद्मश्री

प्रो. श्याम नारायण आर्य - पद्मश्री

इंदू भूषण सिन्हा -  पद्मश्री

डॉ. विजय प्रकाश - पद्मश्री

प्रो. आरपी राय - बिरला साहनी अवार्ड

प्रो. अरूण कमल - साहित्य अकादमी अवार्ड

प्रो . डॉ. आरके सिन्हा - पद्श्री 

बिरेश्वर भट्टाचार्य - ललित कला अकादमी अवार्ड

प्रो. श्याम शर्मा - ललित कला अकादमी अवार्ड

राम नारायण पांडेय - ललित कला अकादमी अवार्ड 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.