Move to Jagran APP

पटना साहिब को नहीं भाती कांग्रेस की 'हीरोपंती', स्टार को नकारती रही है जनता

पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र की जनता को कांग्रेस की हीरोपंती कभी नहीं भाई। एेसे रिकॉर्ड बता रहा है। जब-जब कांग्रेस के टिकट से किसी सिने स्टार ने चुनाव लड़ा तब-तब उन्हें हार मिली।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 02:44 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 02:44 PM (IST)
पटना साहिब को नहीं भाती कांग्रेस की 'हीरोपंती', स्टार को नकारती रही है जनता
पटना साहिब को नहीं भाती कांग्रेस की 'हीरोपंती', स्टार को नकारती रही है जनता

श्रवण कुमार, पटना। आम जनजीवन की तरह ही चुनाव में भी कई बार दिलचस्प संयोग बन जाते हैं। इन संयोगों को आम मतदाताओं के साथ ही प्रत्याशी भी गंभीरता से लेते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि ये संयोग ही परिणाम तय कर देते हैं तो कई बार इसके उलट भी हो जाता है। पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में भी कुछ ऐसे ही संयोगों की चर्चा आम है। संयोग के आधार पर ही गुणा-भाग कर पटना साहिब वाले परिणाम का आकलन भी करने में लग गए हैं।

loksabha election banner

जो संयोग हवा में हैं, उनमें पहला तो यह कि कांग्रेस की 'हीरोपंती' को अब तक पटना साहिब की जनता ने टका सा जवाब दिया है। दूसरा यह कि अब तक पटना के संसदीय मैदान पर किसी प्रत्याशी ने जीत की हैट्रिक नहीं लगाई है।

कांग्रेस ने परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में 2009 में सिने स्टार शेखर सुमन को पटना साहिब से प्रत्याशी बनाया। चुनाव में शेखर सुमन की शर्मनाक हार हुई थी। तीसरे नंबर पर रहे शेखर को महज 61,308 वोट मिले थे। इनसे ज्यादा वोट तो तब राजद के प्रत्याशी रहे विजय कुमार को मिले थे। विजय को एक लाख 49 हजार 779 मत प्राप्त हुए थे। एक लाख 66 हजार 770 वोटों के अंतर से तब भाजपा के रहे शत्रुघ्न ने जीत का झंडा फहराया था। शत्रुघ्न को कुल तीन लाख 16 हजार 549 वोट मिले थे।

कांग्रेस ने पटना साहिब से सितारे पर दूसरा दांव 2014 के संसदीय चुनाव में खेला। कभी भोजपुरी फिल्म के सुपर स्टार माने जाने वाले कुणाल सिंह को कांग्रेस ने मैदान में उतारा, पर पार्टी का ये दूसरा फिल्मी मोहरा भी सियासी दांव में पिट गया। कुणाल सिंह को दो लाख 20 हजार 100 वोट पड़े थे। तब भाजपाई शत्रुघ्न सिन्हा ने चार लाख 85 हजार 905 वोट लाकर विजयी माला पहनी थी।

अब कांग्रेस ने भाजपाई रहे शत्रुघ्न पर दांव खेलकर पटना साहिब को तीसरा सिने स्टार प्रत्याशी के रूप में दिया है। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर को अपना प्रत्याशी बनाया है।

दूसरा संयोग पटना के चुनावी इतिहास में हैट्रिक को लेकर है। 1952 से लेकर आज तक किसी भी प्रत्याशी की हैट्रिक जीत का कोई रिकॉर्ड इस सीट से अब तक नहीं है। आजादी के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस ने 1952, 1957 और 1962 में पटना लोकसभा क्षेत्र पर कब्जा जमाए रखा था, पर कांग्रेस के पहले प्रत्याशी सारंगधर सिन्हा 1952 और 1957 में ही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सके। 1962 में कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल दिया। तब रामदुलारी सिन्हा ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीता। इसके बाद पटना की जमीन पर सीपीआई का कब्जा हुआ। सीपीआई के रामावतार शास्त्री ने भी 1967 और 1971 में लगातार दो बार पटना का प्रतिनिधित्व किया।

1977 में हैट्रिक लगाने से शास्त्री चूक गए और पटना पर जनता पार्टी के महामाया प्रसाद सिन्हा का कब्जा हो गया। हालांकि इसके बाद 1980 में हुए चुनाव में शास्त्री ने फिर से पटना पर कब्जा जमा लिया। यह शास्त्री की आखिरी जीत थी। 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने लगभग 17 वर्षों के बाद अपनी खोई जमीन पर फिर से पांव जमाया । तब कांगे्रस प्रत्याशी के रूप में डॉ. सीपी ठाकुर ने जीत हासिल की। हालांकि अगले ही चुनाव यानी 1989 में पटना की जमीन भगवा हो गई और शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव सांसद बने। श्रीवास्तव ने तो एक ही बार पटना का प्रतिनिधित्व किया।

इसके बाद रामकृपाल यादव का जमाना आया। 1991 और 1996 में रामकृपाल ने जनता दल के टिकट पर पटना का प्रतिनिधित्व किया, पर हैट्रिक बनाने से ये भी चूक गए। 1998 में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे सीपी ठाकुर ने रामकृपाल की हैट्रिक के सपने को ध्वस्त कर पटना पर कब्जा जमा लिया, पर 1998 और 1999 के चुनावों में लगातार दो जीत हासिल करने वाले डॉ. ठाकुर की हैट्रिक के मंसूबे भी पूरे नहीं हो सके। डॉ. ठाकुर के मंसूबे पर 2004 में फिर रामकृपाल ने ही पानी फेरा।

इसके बाद 2008 में पटना की तस्वीर बदल गई। नए परिसीमन के बाद यह तीसरा लोकसभा चुनाव है। पाटलिपुत्र से 2009 में रंजन यादव ने लालू प्रसाद को पराजित कर, तो 2014 में रामकृपाल यादव ने लालू की बिटिया मीसा भारती को पराजित कर जीत हासिल की है। रामकृपाल लगातार दूसरी बार मैदान में हैं। पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा लगातार दो बार जीत दर्ज करा चुके हैं और इस बार हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.