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पटना पुलिस ने जब्‍त की अपने ही तीन जवानों की राइफलें, थानेदार और सर्किल इंस्‍पेक्‍टर की भी फंस रही गर्दन

पटना पुलिस ने धनरूआ फायरिंग मामले में बैलेस्टिक जांच के लिए जब्त की गई तीन राइफल मृतक के शरीर से निकाली गई गई गोली भी जब्त नामजद आरोपितों के खिलाफ होगी विभागीय कार्रवाई जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नप सकते हैं सर्किल इंस्पेक्टर थानेदार सहित थाने के अन्य पुलिसकर्मी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 01:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 01:32 PM (IST)
पटना पुलिस ने जब्‍त की अपने ही तीन जवानों की राइफलें, थानेदार और सर्किल इंस्‍पेक्‍टर की भी फंस रही गर्दन
धनरुआ थाने की पुलिस फंस रही मामले में। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। पटना जिले के धनरूआ के मोरियावां गांव में हिंसक झड़प व पुलिस फायरिंग में युवक की मौत मामले में एक से दो दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपी जा सकती है। हवाई फायरिंग करने वाले तीनों जवानों की राइफल जब्त कर ली गई है। वहीं पोस्टमार्टम के दौरान युवक के शरीर से निकाली गई गोली को भी जब्त किया गया है। तीनों राइफल और गोली को बैलेस्टिक जांच के लिए भेजा जाएगा। पुलिस सूत्रों की मानें तो सर्किल इंस्पेक्टर, थानेदार सहित अन्य पुलिसकर्मी पर निलंबन के साथ ही विभागीय कार्रवाई तय है। जांच के दौरान दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों का बयान, हिंसक झड़प का वीडियो भी पुलिस ने बरामद किया गया है। पुलिस का बयान भी दर्ज किया गया है।

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सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच के दौरान कई सवालों का थानेदार और सर्किल इंस्पेक्टर के पास जवाब नहीं था। संतुष्ट जवाब नहीं मिलने पर माना जा रहा है कि दूसरी बार गांव में जाने के दौरान पुलिस ने कहीं न कहीं से लापरवाही बरती, जबकि दोपहर में हुए विवाद के बाद ही मामला शांत हो सकता था। थाना पुलिस का दावा है कि पुलिस मुखिया प्रत्याशी से बातचीत कर समझाने गई थी, लेकिन ग्रामीण पुलिस को देख उग्र हो गए और पथराव करने लगे। खुद को भीड़ में घिरा देख पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

घटनास्थल पर पहुंची जांच टीम ने मौके से कुछ खोखा भी बरामद किया है। हवाई फायरिंग के दौरान गोली युवक के पेट और तीन अन्य युवकों के पैर में कैस लग गई? इस पर पुलिस जांच कर रही है। मामले में मृतक के स्वजन मसौढ़ी सर्किल इंस्पेक्टर सहित 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराये हैं, वहीं पुलिस पक्ष की ओर से निर्वतमान मुखिया सहित नौ नामजद और तीन सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कैसे होती है बैलेस्टिक जांच

बैलेस्टिक जांच दो महत्वपूर्ण बिंदु पर आधारित होती है। एक तो बंदूक से निकली गोली व दूसरी वह बंदूक, जिससे गोली दागी गई। अगर गोली और गन दोनों लैब के हो तो यह पता करना मुश्किल नहीं कि गोली क्या इसी गन से चली है? इसके लिए दो से तीन दिन का समय लगता है। वहीं जिस गन से गोली चली है, उसे साफ कर दिया जाए तो किसी भी लैब में पता नहीं चल सकता है कि गोली किस गन से चली है।


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