वाह रे पटना पुलिसः चौकी में छिपकर दबंगों से बचाई 'खाकी' वालों ने जान
पटना में कुछ भी हो सकता है। अपराधी तो यही सोचते हैं। अब वे क्राइम तो करते ही हैं पुलिस से भी नहीं डरते। दबंगों से अब पुलिस को छिपकर अपनी जान बचानी पड़ती है।
पटना, जेएनएन। बिहार में अपराध का ग्राफ कहां पहुंच गया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब अपराधी नहीं पुलिस को छिपना पड़ता है। पटना पुलिस ने दुबककर अपनी जान बचा रही है। फुलवारीशरीफ थाने की रानीपुर चौकी में बुधवार की रात असामाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया। उग्र बदमाशों ने चौकी पर जमकर रोड़ेबाजी की, इसमें कुछ पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने चौकी का दरवाजा बंद किया और एक कमरे में बंद होकर जान बचाई। सूचना मिलते ही डीएसपी रमाकांत प्रसाद अनुमंडल के सभी थानों की पुलिस और वज्र वाहन के साथ मौके पर पहुंचे। भारी संख्या में पुलिस बल को आता देखकर उपद्रवी फरार हो गए। डीएसपी ने चौकी पर हमला किए जाने की बात से इन्कार किया है। उनका कहना है कि दो पक्षों के बीच पथराव हुआ था। दोनों गुटों के लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
दो पक्षों का विवाद था सुलझाना
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को रानीपुर गांव में तेज रफ्तार में बाइक चलाने को लेकर मंटू पासवान और दीपू के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद दोनों गुटों के लोगों में जमकर मारपीट हुई। सूचना मिलने पर रानीपुर चौकी से पुलिसकर्मी गए और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया। मंटू पासवान की ओर से मारपीट की लिखित शिकायत भी दी गई थी। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। पुलिस के हस्तक्षेप से एक गुट के लोग नाराज हो गए। चौकी में तैनात जवान अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अचानक हुए हमले में तीन सिपाहियों को चोटें आई हैं। इसके बाद दरवाजा बंद कर लिया गया और वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई। उपद्रवियों ने चौकी के बाहर खड़ी बाइक और पिकअप वैन को भी पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में दहशत फैलाने के लिए चार राउंड फायङ्क्षरग की गई। फिलहाल, पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया है। हालांकि, गांव में अब भी तनाव व्याप्त है।