क्लोन चेक के जरिये दौलत बटोर रहा था गिरोह, बैंक अधिकारियों की मिलीभगत का भी पुलिस को शक
Crime in Patna अधूरे पते पर खुले खाते में आरटीजीएस होने थे 11.73 करोड़ रुपये जिला भू-अर्जन के सरकारी खाते से रुपये उड़ाने की साजिश में शामिल है कई विभाग और बैंक के कर्मी से हो सकती है पूछताछ नौकरी दिलाने का झांसा देकर बैंक भेजा गया था आरोपित
पटना, जागरण संवाददाता। जिला भू-अर्जन विभाग के सरकारी खाते से 11.73 करोड़ रुपया गलत तरीके से आरटीजीएस कराने के प्रयास में बैंक से गिरफ्तार शुभम भी जालसाजी का शिकार हो गया। शुभम को जिन लोगों ने फर्जी दस्तावेज देकर आरटीजीएस कराने के लिए बैंक भेजा था, उनके नाम भी पुलिस के सामने आ चुके है। लेकिन, उनका सही ठिकाना नहीं मिल रहा है।
डीएसपी टाउन सुरेश चौधरी बताया कि बोरिंग रोड स्थित जिस निजी कंपनी के बैंक खाते में आरटीजीएस करना था, उसका पता भी अधूरा है। साथ ही अकाउंट खुलवाने के दौरान इस्तेमाल दस्तावेज भी संदेह के घेरे में है। पुलिस की मानें तो शुभम सिर्फ मोहरा है, इसके पीछे कई और लोग शामिल हैं। पुलिस दोनों बैंक अधिकारी और कर्मचारी से लेकर भू-अर्जन के कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
लेटरहेड और भू-अर्जन पदाधिकारी का फर्जी आधार
पुलिस की जांच में पता चला कि प्राइवेट बैंक के जिस खाते में आरटीजीएस करना था वह करीब छह माह पूर्व खुला है। सोमवार को पुलिस ने बैंक से कुछ जानकारी जुटाई है। पता चला कि शुभम दो जनवरी को कोटक बैंक पहुंचा था। उसने एक प्राइवेट फर्म के खाते में तीन आरटीजीएस करने के लिए फॉर्म भरकर जमा किया था। बैंक के भरोसे के लिए तीन लेटर हेड और भू-अर्जन पदाधिकारी के चेहरे से मिलान करते हुए बनाया गया फर्जी आधार कार्ड दिया था। जिसका यूआईडी नंबर भी गलत था। तीन अलग-अलग आरटीजीएस फॉर्म के जरिए रकम को बोरिंग रोड स्थित निजी बैंक में ट्रांसफर करना था।
बैंक में एक युवक से मिलने वाला था शुभम
शुभम ने पुलिस को बताया कि जिन लोगों ने उसे लेटरहेड सहित अन्य फर्जी पेपर दिए थे, उन्होंने बैंक पहुंचकर एक युवक से मिलने को बताया था। उसने पुलिस को उसका नाम भी बताया है। अब पुलिस उस शख्स की तलाश कर रही है।