पटना की लड़की को वाराणसी में पुलिस ने किया गिरफ्तार, आरोपित ने उगला NEET Solver Gang के सरगना का राज
Bihar Crime पटना की पीके के गिरोह में पटना सहित राज्य कई जिलों के साल्वर बताए जा रहे हैं। पटना पुलिस वाराणसी से इनपुट का इंतजार कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि क्राइम ब्रांच के संपर्क करने पर पूरी मदद की जाएगी।
पटना, जागरण संवाददाता। वाराणसी क्राइम ब्रांच ने नीट यूजी के साल्वर और दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक एजेंट और साल्वर छात्रा पटना के बहादुरपुर की रहने वाली बताई जाती है। उन्होंने सरगना का नाम पीके बताया है। पीके के गिरोह में पटना सहित राज्य कई जिलों के साल्वर बताए जा रहे हैं। पटना पुलिस वाराणसी से इनपुट का इंतजार कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि क्राइम ब्रांच के संपर्क करने पर पूरी मदद की जाएगी। पूर्व में की गई जांच के आधार पर इनपुट भी साझा किया जाएगा। साल्वर गैंग की जांच में जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अतुल व अंशु गिरोह पहले से सक्रिय है। पीके गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
वाराणसी के अभिषेक के साथ जेल जा चुका है अतुल
अतुल वत्स और अंशु सिंह गिरोह पिछले कुछ सालों में पुलिस के निशाने पर रहा है। दोनों पटना के रहने वाले हैं और इनके खिलाफ बुद्धा कालोनी और एसकेपुरी थाना में केस दर्ज हैं। हालांकि, दोनों को पटना पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। अब तीसरे सरगना पीके का नाम आ गया है, जो पटना का रहने वाला बताया जाता है। इसका कनेक्शन भी अतुल और अंशु गिरोह से होने की संभावना जताई जा रही है। अतुल कुछ साल पहले वाराणसी के अभिषेक के साथ गिरफ्तार किया गया था। जमानत लेकर फिलहाल फरार चल रहा है। चार साल पूर्व दिल्ली पुलिस ने वाराणसी के अभिषेक कुमार के साथ उसे गिरफ्तार कर जेल भेजी थी।
हरियाणा पुलिस के इनपुट पर पटना में पकड़े थे गए शातिर
अगस्त, 2020 में हरियाणा पुलिस के इनपुट पर पटना पुलिस ने बोरिंग रोड के एक अपार्टमेंट में दबिश देकर अतुल गिरोह के रमेश, उज्ज्वल उर्फ गजनी, सौरव सुमन, प्रशांत समेत दो अन्य को गिरफ्तार की थी। गिरोह के सरगना अतुल के खिलाफ हरियाणा की प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक कराने के प्रयास का मामला दर्ज है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी एफआइआर दर्ज की गई थी।
एक साल पहले तय हो जाता किसकी जगह कौन बैठेगा
गिरोह एक साल पहले तय कर लेता है कि कौन किसके स्थान पर परीक्षा में बैठेगा। छात्र और साल्वर का चेहरा मिलता-जुलता रहे। इसके लिए काफी मशक्त की जाती है। फार्म भरने के दौरान असली छात्र का फोटो आइडी लगाया जाता है। काउंसिलिंग में शक नहीं हो इसके लिए एडमिट कार्ड पर साल्वर की स्कैन कर तैयार की गई फोटो चस्पा की जाती है। असली छात्र का एक फोटो साल्वर को दिया जाता है, जिसे परीक्षा के दौरान जमा करना होता है। पूरी प्रक्रिया के दौरान साल्वर गैंग सही अभ्यर्थी का मूल प्रमाण पत्र अपने पास रखता है।
तीन स्तर पर काम करता है गैंग
गिरोह में तीन बड़े किरदार होते हैं। एक जो ऐसे छात्रों की तलाश करता है। दूसरा साल्वर को सेट करता है, उनके रहने, खाने व सेंटर तक पहुंचाता है। तीसरा गिरोह तकनीकी काम करता है। लेनदेन खुद तय करता है। परीक्षा से पहले किस साल्वर को कहां भेजना है इसकी जानकारी सिर्फ सरगना को होती है।