डीजल की कीमत बढ़ने से महंगे होने लगे दूसरे सामान, पटना की फल मंडी में दो रुपये तक बढ़ी कीमत
डीजल में महंगाई से बढ़ने लगी दूसरी चीजों की भी कीमत पटना की फल मंडी में दो रुपये महंगे हुए फल परिवहन खर्च बढ़ने का असर पड़ रहा फलों के मूल्य पर पटना फ्रूट वेजिटेबल एसोसिएशन ने जताया विरोध
पटना, जागरण संवाददाता। Petrol and Diesel Price Hike Effect: डीजल की कीमत में लगातार वृद्धि होने का असर अब बाजार पर दिखने लगा है। ढुलाई का खर्च बढ़ने से अन्य चीजों की कीमत भी बढ़ने लगी है। दरअसल, ट्रकों का किराया बढ़ जाने से सभी फलों का लागत मूल्य दो रुपये बढ़ गया है। फल विक्रेताओं ने इस पर अपना विरोध जताया है।
एक फरवरी से पौने चार रुपये बढ़ चुकी है कीमत
एक फरवरी से अब तक डीजल की कीमत भी 3.77 रुपये बढ़ गई है। अब डीजल की कीमत अब 85.57 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इस वजह से ट्रक का किराया भी बढ़ गया है। पटना फ्रूट वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशिकांत प्रसाद ने कहा कि नासिक से आने वाले ट्रक अब तक 85 हजार रुपये भाड़ा लेते थे जो अब एक लाख रुपये प्रति ट्रक ले रहे हैं। इसी अनुपात में अन्य जगहों से आने वाले ट्रक का किराया भी बढ़ा है। इससे फलों की कीमत पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि माल्टा (केनू) का खरीद मूल्य 10 रुपये है।
फल व्यवसायी कर रहे कीमत बढ़ने का विरोध
परिवहन खर्च जोड़कर यह थोक फल मंडी में 18 रुपये प्रति किलो पड़ता था। लेकिन ट्रक का किराया बढ़ जाने के बाद अब मंडी में ही इसकी कीमत 20 रुपये प्रति किलो पड़ रही है। इसी अनुपात में सभी फलों पर महंगे डीजल का असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमत में वृद्धि का हम विरोध करते हैं। सरकार से हमारी मांग है कि डीजल पर शुल्क की दर कम की जाए। फलों के साथ अन्य जिंसों पर भी महंगे डीजल का असर दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थ हों या फिर अन्य जरूरत की वस्तु, सभी चीजों की कीमत में वृद्धि तय है। सरकार शीघ्र कदम नहीं उठाएगी तो फलों के साथ ही हर वस्तु में महंगाई बढ़ जाएगी।