पटना में नाले के पानी को साफ कर सिंचाई में किया जाएगा इस्तेमाल, नागपुर की तर्ज पर बनेगी योजना
Patna Municipal Corporation News नागपुर नगर निगम की व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए नागपुर गईं हैं शीला ईरानी 90 फीसदी नाले के पानी को ट्रीट कर उपभोग कर रहा है नागपुर पटना के छह ट्रीटमेंट प्लांट में से दो हो गया है चालू
पटना [मृत्युंजय मानी]। Patna News: गंदे पानी को साफ कर 90 फीसदी उपभोग करने वाला नागपुर का मॉडल पटना (Patna Municipal Corporation) में उतारा जाएगा। इसी उदेश्य से पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी नागपुर मॉडल का अध्ययन करने नागपुर गई हुई हैं। पटना में भी नाले के पानी का ट्रीटमेंट (Treatment of Drainage Water) होने लगा है। फिलहाल पानी ट्रीट करने के बाद पुन: गंदे पानी में मिला दिया जाता है। इस ट्रीट पानी को सिंचाई (Water for irrigation) के लिए उपलब्ध कराने की योजना है।
बिजली कंपनियों को दिया जाता है नाले का पानी
महाराष्ट्र के नागपुर में नाले के 525 मिलियन लीटर गंदे पानी में से 480 मिलियन लीटर प्रतिदिन ट्रीट करता है। एनटीपीसी 150 मिलियन लीटर तथा महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी 190 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन लेती है। इसी तरह से पानी ट्रीट करके सदुपयोग कर रहा है। नाले के पानी को ट्रीट करने के बाद उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। तर्क दिया गया है कि जल संरक्षण होगा तथा पानी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
नमामि गंगे योजना के तहत पटना में बने हैं छह ट्रीटमेंट प्लांट
पटना में गंदे पानी का ट्रीटमेंट होने लगा है। नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Project) के तहत छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewage treatment plant) का निर्माण होना है। बेउर (Beur) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कर्मलीचक (Karmalichak) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू अवस्था में है। बेउर की क्षमता 43 मिलियन लीटर तथा कर्मलीचक एसटीपी की क्षमता 37 मिलियन लीटर प्रतिदिन पानी को ट्रीट की क्षमता है। सैदपुर (Saidpur) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है। शीघ्र ही इससे पानी ट्रीट होने लगेगा। पहाड़ी (Pahari) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य तेज गति से चल रहा है। कंकड़बाग (Kankadbag) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और दीघा (Digha) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य शुरू हो गया है। प्रगति अभी काफी धीमी है।