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नगर निगम खुद करेगा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव

पटना नगर निगम अब खुद ही कूड़ा उठाव करेगा। इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीदारी आने वाले समय में की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 09:46 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 09:46 PM (IST)
नगर निगम खुद करेगा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव
नगर निगम खुद करेगा डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव

पटना । पटना नगर निगम अब खुद ही कूड़ा उठाव करेगा। इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीदारी करेगा। वहीं सड़कों की सफाई निगम अत्याधुनिक उपकरणों से कराएगा। मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में आयोजित निगम की साधारण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक आरंभ होते ही शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर निगम के पार्षद सवाल उठाने लगे। वार्ड 38 के पार्षद डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि नगर निगम डोर-टू-डोर एजेंसी थी, तो कम से कम 30 फीसद कूड़े का उठाव हो रहा था। अब यह सुविधा भी पूरी तरह खत्म हो गई। इसका समर्थन कंकड़बाग अंचल के कई पार्षदों ने किया।

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मशीन करेगी सड़क की सफाई, मजदूर करेंगे कूड़ा उठाव :

मेयर के निर्देश पर नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने कहा कि शहर की सफाई के लिए निगम कृत संकल्पित है। ठोस कचरा प्रबंधन के तहत कूड़ा उठाव का विस्तृत डीपीआर बनाया गया है। इसे बोर्ड की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। इसके तहत शहर के जितने भी सफाई मजदूर हैं, वे डोर-टू-डोर कूड़ा उठाव करेंगे। जबकि सड़कों की सफाई मशीन से होगी। कम चौड़ी सड़क के लिए छोटी मशीन और चौड़ी सड़कों के लिए बड़ी मशीन की खरीदारी होगी। सभी उपकरणों की खरीदारी भारत सरकार के जेम-पोर्टल से होगी। कौन-कौन मशीनें और कितनी खरीदारी होगी, यह प्रस्ताव बोर्ड की अगली बैठक में लाया जाएगा।

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मर चुका है नगर निगम, टफ है इसे जिंदा करना :

पटना नगर निगम की खस्ताहाल व्यवस्था पर नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन दुखी दिखे। निगम की कार्यशैली व क्रियाकलाप से खिन्न नगर आयुक्त ने निगम की बोर्ड बैठक में कहा कि निगम मर चुका है। इसे जिंदा करना काफी टफ कार्य है। इसके लिए प्रयास आरंभ हो चुका है। अगले तीन-चार महीने में इसका सीधा असर दिखेगा। निगम के कार्यो के लिए पैसे की कमी नहीं है। भूतकाल के अनुभव के आधार पर निर्णय लेना गलत होगा।

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मैनपावर की है कमी, बदलाव को होगी कवायद : नगर आयुक्त ने सदन को जानकारी दी कि शहर में सफाई व्यवस्था के लिए चार हजार मजदूर ही स्वीकृत हैं। अब इससे अधिक रखने के लिए आउटसोर्सिग करनी होगी। मैनपावर की कमी है, इसके विकल्प पर विचार चल रहा है।

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