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Patna Lockdown गरीबों तक निवाला पहुंचाने में कम नहीं है चुनौतियां और मुसीबतें, जानें कैसे

पटना समेत सभी जिलों में ट्रांसपोर्ट की समस्या बनी है बड़ी बाधा। वितरण में फिजिकल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने में भी मुश्किलें।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 10:03 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 10:03 AM (IST)
Patna Lockdown गरीबों तक निवाला पहुंचाने में कम नहीं है चुनौतियां और मुसीबतें, जानें कैसे
Patna Lockdown गरीबों तक निवाला पहुंचाने में कम नहीं है चुनौतियां और मुसीबतें, जानें कैसे
श्रवण कुमार, पटना। शासन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन के स्तर से गरीबों तक जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से पर्याप्त राशन पहुंचाने की जद्दोजहद जारी है। जिले में पहले से ही नौ लाख 539 उपभोक्ताओं को हर महीने पीडीएस की दुकानों से राशन मुहैया कराया जा रहा है। इनमें से एक लाख 20 हजार 698 उपभोक्ता अंत्योदय योजना के और सात लाख 79 हजार 841 प्रायॉरिटी हाउस होल्ड योजना के हैं। तीन दिनों के भीतर उन आवेदनों को सत्यापन करने का आदेश है, जो पहले खारिज हो चुके हैं। 54,579 ऐसे आवेदन हैं जिसे त्रुटियों के कारण खारिज किया गया है।

बढ़ेंगे एक लाख उपभोक्ता

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सरकार के आदेश के बाद राहत देने के लिए ऐसे आवेदनों को फिर से स्वीकृत करने कर राशन कार्ड वितरण की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है। खारिज किए गए आवेदनों के साथ ही राशन कार्ड के लिए हाल में दिए गए आवेदनों की स्वीकृति के बाद अनुमान है कि एक लाख उपभोक्ता और बढ़ेंगे। इसके अतिरिक्त कोरोना काल के लिए मनरेगा जाब कार्ड, श्रम विभाग और नगर निगम में निबंधित मजदूरों को भी राशन मुहैया कराने की जिम्मेदारी पीडीएस दुकानों को ही है। प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न भी उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों से ही मिलना है।

मालवाहक वाहनों से बनी समस्या

खाद्य निगम के गोदामों से पीडीएस दुकानों तक और फिर वहां उपभोक्ताओं तक राशन पहुंचाने में प्रशासन के सामने कई तरह की चुनौतियां आ रही हैं। सबसे बड़ी चुनौती मालवाहक वाहनों की है। सामान्य दिनों प्रति माह 85,476 क्विंटल गेहूं और 1,28,213 क्विंटल चावल गोदाम से पीडीएस दुकानों में पहुंचाया जाता था। इसके लिए मालवाहक गाड़ियां लगभग तय हैं। रास्ते में ये गाड़ियां इधर-उधर न हों, इसके लिए जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं। पर अब नए उपभोक्ताओं के साथ ही अतिरिक्त राहत का अतिरिक्त चावल ढोने के लिए ट्रासपोर्ट बड़ा बाधक बना हुआ है।

डिस्टेंसिंग को लेकर भी बनी परेशानी

ट्रांसपोर्ट की समस्या पटना के साथ ही दूसरे जिलों के लिए भी सामने आ रही है। जहां सामान्य दिनों में एफसीआई गोदाम से हर माह 1.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 2.75 लाख मीट्रिक टन चावल का उठाव किया जाता है, वहीं अब अप्रैल, मई और जून में 4.29 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल पीडीएस दुकानों तक पहुंचाने की चुनौती है। अतिरिक्त वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगे होने से राशन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की आशंका जताई जा रही है। पीडीएस दुकानों पर वितरण के समय भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या डिस्टेंसिंग की उत्पन्न हो रही है। 

 

समस्याओं का किया जाएगा निराकरण

सचिव, परिवहन सह प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवार ने कहा कि खाद्य सामग्री के परिवहन पर रोक नहीं हैं। जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने जिले में ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक करें। जो समस्या हो रही है उसका निराकरण करें। ट्रांसपोर्टर की संख्या बढ़ाने और लोड सेल एवं जीपीएस युक्त वाहन के परिचालन का निर्देश दिया गया है। कालाबाजारी रोकने और डिस्टेंसिंग के लिए भी सख्त निर्देश हैं। दुकानों पर सरकारी कर्मी की मौजूदगी सुनिश्चित कराई जा रही है। 

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