Patna Lockdown गरीबों तक निवाला पहुंचाने में कम नहीं है चुनौतियां और मुसीबतें, जानें कैसे
पटना समेत सभी जिलों में ट्रांसपोर्ट की समस्या बनी है बड़ी बाधा। वितरण में फिजिकल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने में भी मुश्किलें।
बढ़ेंगे एक लाख उपभोक्ता
सरकार के आदेश के बाद राहत देने के लिए ऐसे आवेदनों को फिर से स्वीकृत करने कर राशन कार्ड वितरण की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है। खारिज किए गए आवेदनों के साथ ही राशन कार्ड के लिए हाल में दिए गए आवेदनों की स्वीकृति के बाद अनुमान है कि एक लाख उपभोक्ता और बढ़ेंगे। इसके अतिरिक्त कोरोना काल के लिए मनरेगा जाब कार्ड, श्रम विभाग और नगर निगम में निबंधित मजदूरों को भी राशन मुहैया कराने की जिम्मेदारी पीडीएस दुकानों को ही है। प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न भी उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों से ही मिलना है।
मालवाहक वाहनों से बनी समस्या
डिस्टेंसिंग को लेकर भी बनी परेशानी
ट्रांसपोर्ट की समस्या पटना के साथ ही दूसरे जिलों के लिए भी सामने आ रही है। जहां सामान्य दिनों में एफसीआई गोदाम से हर माह 1.83 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 2.75 लाख मीट्रिक टन चावल का उठाव किया जाता है, वहीं अब अप्रैल, मई और जून में 4.29 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल पीडीएस दुकानों तक पहुंचाने की चुनौती है। अतिरिक्त वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगे होने से राशन की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की आशंका जताई जा रही है। पीडीएस दुकानों पर वितरण के समय भी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या डिस्टेंसिंग की उत्पन्न हो रही है।
समस्याओं का किया जाएगा निराकरण