पटना हाईकोर्ट ने कहा- सबके लिए है गया का विष्णुपद मंदिर, पूजा का हर एक को अधिकार
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि गया का प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर सार्वजनिक है। किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं। इसलिए इस मंदिर में पूजा के लिए सबको अवसर देना चाहिए।
पटना, जेएनएन। गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि यह मंदिर सार्वजनिक है। किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं। इसलिए इस मंदिर में पूजा के लिए सबको अवसर देना चाहिए। दरअसल पिछली सुनवाई में गया के जिलाधिकारी और विष्णुपद मंदिर प्रबंधन से प्रबंधन बोर्ड के गठन के बारे में जवाब मांगा गया था। इस मामले पर सात सितंबर को फिर सुनवाई होगी।
पंडों के हितों का रखा जाना चाहिए खयाल
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विष्णुपद मंदिर के पंडों के हितों का खयाल रखा जाना चाहिए। चूंकि मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई है, इसलिए इसमें भेदभाव नहीं होना चाहिए।
जिलाधिकारी और विष्णुपद मंदिर प्रबंधन से मांगा गया था जवाब
पिछली सुनवाई में गया के जिलाधिकारी और विष्णुपद मंदिर प्रबंधन से जवाब मांगा गया था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। याचिका में कई तरह की मांग की गई है। जैसे कि राज्य सरकार इस मंदिर को अपने नियंत्रण में लेकर प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन करे, जिस तरह माता वैष्णो देवी या बालाजी मंदिर का प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि विष्णुपद मंदिर की संपत्ति को सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाए, क्योंकि यह निजी संपत्ति नहीं है।
इस साल गया के विष्णुपद मंदिर का पट बंद
मोक्षनगरी गयाजी में हर साल विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला लगता है। जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचकर अपने पितरों के आशीर्वाद के लिए पिंडदान और तर्पण करते हैं। पिछले साल 13 -28 सितंबर तक चले पितृ पक्ष मेला में गयाजी में सात से आठ लाख श्रद्धालुओं ने पितरों के आशीर्वाद के लिए पिंडदान और तर्पण किया था। इस साल गयाजी के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर का पट बंद है। मेला क्षेत्र में सन्नाटा पसरा है। फल्गु की जलधारा शांत है। देवघाट भी चुप है।