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पटना हाई कोर्ट ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन पर रोक लगाने से फिलहाल किया इनकार

हाईकोर्ट ने बिहार पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ ही भारत चुनाव आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग को 15 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 08:21 AM (IST)
पटना हाई कोर्ट ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन पर रोक लगाने से फिलहाल किया इनकार
पटना हाई कोर्ट ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को बिहार पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को चुनौती देने वाली लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने प्रियंका सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ ही भारत चुनाव आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग को 15 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया है।

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याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेश संविधान के खिलाफ है। संविधान के अनुच्छेद -243 (ई) में इस बात की अनुमति नहीं है। नियम के अनुसार मौजूदा पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व चुनाव करा लेना है। उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा को भी इन प्रविधानों को बदलने का अधिकार नहीं है। अध्यादेश में जिस परामर्शी बोर्ड का गठन किया गया है, उसके अनुसार स्थानीय निकाय की व्यवस्था नहीं चलाई जा सकती। इसके मद्देनजर जल्द से जल्द चुनावी प्रक्रिया को शुरू कर देना चाहिए। 

बिहार सरकार एवं राज्य चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व ही राज्य सरकार चुनाव कराना चाहती थी। चुनाव आयोग ने दिसंबर, 2020 में पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन ईवीएम के माडल पर भारत चुनाव आयोग ने आपत्ति जता दी। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि ईवीएम संबंधित एक मामला लंबित है, जिसकी सुनवाई इसके साथ की जाए, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए दोनों मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए 15 जुलाई को रखा है।

बिहार में पंचायती राज की नई व्यवस्था

बताते चलें कि 16 जून से बिहार में पंचायती राज की नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। इसके तहत परामर्शी समिति का गठन किया गया है। पंचायतों के संचालन हेतु परामर्शी समिति में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद के लिए अलग-अलग परामर्शी समिति गठित की जाएगी। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि  जैसे ग्राम पंचायत के मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष होंगे। बिहार में ऐसा पहली बार होने जा रहा है।


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