पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: बालू-पत्थर उत्खनन की नई नियमावली पर लगाई रोक
पटना हाइकोर्ट ने बालू और पत्थर उत्खनन की नई नियमावली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।कोर्ट ने कहा कि जनता की परेशानी का आकलन किए बिना सरकार ने नई नियमावली लागू कर दी है।
पटना [जेएनएन]। पटना हाईकोर्ट ने बालू एवं पत्थर उत्खनन के संबंध में बनाई गई राज्य सरकार की नई नियमावली को लागू करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। नियमावली में जीपीएस युक्त वाहनों से ढुलाई का मुद्दा भी शामिल है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डॉ.अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने उक्त नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि जनता की परेशानी का आकलन किए बिना सरकार ने नई नियमावली लागू कर दी है। याचिका पुष्पा सिंह एवं अन्य की की तरफ से दायर की गई थी। अब सुनवाई के लिए शीघ्र ही तिथि तय की जाएगी।
पटना हाईकोर्ट के आदेश से लघु खनिज का उत्खनन करने वालों और इसके ट्रांसपोर्टर्स को बड़ी राहत मिली है। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा बालू-मिट्टी के अवैध खनन पर रोक लगाने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में नई नियमावली बनाई गई। इसे काफी हड़बड़ी में तैयार किया गया। इसके चलते उसमें तमाम खामियां हैं। इससे बालू कारोबारियों समेत आमजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह है मामला
-राज्य सरकार ने 1 दिसम्बर से नई नियमावली को प्रभावी करने का निर्देश दे रखा है। इसके पहले ही हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी है।
नई नियमावली में प्रावधान है-
-बालू-पत्थर का उत्खनन करने वाले इसकी सीधी बिक्री नही कर सकेंगे
-वे उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स को बिहार राज्य खनिज विकास निगम को बेचेंगे
-निगम द्वारा उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स की खुदरा बिक्री ऐसे लोगों द्वारा की जाएगी जिन्हें राज्य सरकार लाइसेंस दिया गया है
-उत्खनित बालू, पत्थर या स्टोन चिप्स की ढुलाई करने वाले वाहनों में जीपीएस अनिवार्य कर दिया गया है
-बिना जीपीएस लगे वाहनों से लघु खनिज ढोते पकड़े जाने पर पांच लाख जुर्माना व पांच साल की सजा
-माल ढुलाई के दौरान रास्ते में ट्रक खराब होने पर उसे दूसरे वाहन पर नहीं लादा जा सकेगा
हाईकोट की आपत्ति
-नई नियमावली के उपरोक्त प्रावधानों को याचिका में चुनौती दी गई है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है।