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पटना हाईकोर्ट ने पूछा, कैसे बनेंगी नेशनल हाई वे की सडकें, 5 से लेकर 10 साल तक हो रहा है इंतजार

पटना हाईकोर्ट ने 29 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान राज्‍य सरकार को फटकार लगाई। चार डीएम को सख्‍त लहजे में काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा 14 प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं जिसमें सिर्फ 2 फीसदी ही काम हो पाया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 04:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 04:29 PM (IST)
पटना हाईकोर्ट ने 29 हाइवेज की समीक्षा की, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, निर्भय सिंह, सिंह।  पटना हाईकोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से बन रहे नेशनल हाइवे की समीक्षा करते हुए कहा कि यहां 14 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिसमें 80 फीसदी सड़कों में काम नहीं हो पाया है l जबकि 5 से लेकर 10 साल से प्रोजेक्ट में काम चल रहा है l मुख्य न्यायाधीश संजय करोल  एवं न्यायाधीश  एस कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने औरंगाबाद और वाराणसी के बीच बन रहे नेशनल हाइवे संख्या (2 सेक्शन) 2013 से 192 किलो मीटर की सड़कें बन रही है l जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने  स्वयं संज्ञान लेकर नेशनल हाइवे की निर्माणाधीन सड़कों के बारे में सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी ली l

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-नेशनल हाइवे की ये हैं 29 सड़के

1. एन एच 527, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी मधुबनी दरभंगा

2.एन एच 80,, भागलपुर मुंगेर

3. एनएच 83 जहानाबाद गया पटना

4. एन एच 2 औरंगाबाद कैमूर रोहतास

5 एन एच 2, औरंगाबाद गया

6. राम जानकी मार्ग, सिवान सीवान, सारण

7. राम जानकी मार्ग राजपति चकिया,  गोपालगंज पूर्वी चंपारण

8. एन एच शिवहर सीतामढ़ी मधुबनी

9. एनएच 104, शिवहर

10.  एनएच 104 पूर्वी चंपारण मोतिहारी

11. एनएच 77 हाजीपुर मुजफ्फरपुर

12. एनएच 77, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी

13. एनएच  85 गोपालगंज सीवान सारण

14. एनएच 91 सारण

15. एनएच 102 मुजफ्फरपुर सारण

16. एनएच 82 शेखपुरा नालंदा

17. एनएच 333 मुंगेर बेगूसराय

18. एनएच 107 सहरसा मधेपुरा खगड़िया पूर्णिया

19. एनएच 31 पटना

20. एन एच  131 पूर्णिया कटिहार

21.  एनएच 130 पूर्णिया कटिहार

22. एनएच 30-84,  पटना भोजपुर

23 एन एच 30-84  बक्सर

24. एन एच 30 ए, पटना

25. एन एच 106, मधेपुरा भागलपुर

26. फोरलेन गांधी सेतु पटना

27. एन एच 57 ए  अररिया

28. घोरघाट ब्रिज मुंगेर

29. एन एच 82, नवादा गया नालंदा

 हाईकोर्ट ने राज्य के चार डीएम को सख्त लहजे में निर्देश दिया है कि उनके जिलों से गुजरने वाली  एन एच निर्माण के लिए अर्जित   ज़मीन के मुआवजे का भुगतान संबंधित  रैयतों को करते हुए   , अर्जित हुई ज़मीन पर स्थित हर ढांचे  को हटा कर , फौरन एनएचएआई को सौंपे ।  कोर्ट ने  इन सारी कवायदों का डेडलाइन 31 दिसम्बर 2020 को निर्धारित करते हुए गया , औरंगाबाद , रोहतास और कैमूर के जिलाधिकारियों को  सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया ।       

 पहले की सुनवाई में  कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इन हाइवे निर्माण के लिए भू अर्जन में हुई   निष्क्रियता के कारण सूबे में  एनएच के निर्माण का काम 5-10 वर्षों से लंबित पड़ा है ।  सरकार यदि बिहार का विकास चाहती तो सबसे पहले भूमि अर्जन के मामले को सुलझाए ।  सूबे से गुजरने वाली 5100 किलोमीटर   का 80 फीसदी सड़क का काम  पिछले 5-10 सालों से  अटका हुआ है ।  

उक्त चारों जिले के डीएम की तरफ से कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह आश्वासन दिया गया कि भू अर्जन मुआवजे की शेष रकम को   31 दिसम्बर तक भुगतान कर दिया जाएगा ।  कोर्ट ने उन सभी हलफनामे को स्वीकार करते हुए चारों डीएम को निर्देश दिया कि मुआवजे की भुगतान करने के साथ साथ 31 दिसम्बर तक अर्जित हुई ज़मीन  हटाने का भी निर्देश दिया  l


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