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शारदीय नवरात्र पर राजधानी में कहीं भीड़ तो कहीं पसरा रहा सन्नाटा, गोविंद मित्रा रोड में प्रतिमा के साथ सेल्फी

शारदीय नवरात्र पर राजधानी कई जगहों पर खूब भीड़ दिखी तो कई जगहों पर सन्नाटा पसरा रहा है। कदमकुआं चूड़ी मार्केट गोविंद मित्रा रोड में प्रतिमा के साथ सेल्फी लेते भक्त दिखे तो लोहानीपुर में सन्नाटा पसरा रहा। बंगाली अखाड़े में धुनची नृत्य करते कलाकारों ने मन मोह लिया।

By Prashant ShekharEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:36 PM (IST)
गोविंद मितरा रोड में मां के साथ सेल्‍फी लेते श्रद़धालु।

जेएनएन, पटना : शारदीय नवरात्र के मौके पर राजधानी पटना में कई जगहों पर खूब भीड़ दिखी तो कई जगहों पर सन्नाटा पसरा रहा है। कदमकुआं, चूड़ी मार्केट, गोविंद मित्रा रोड में प्रतिमा के साथ सेल्फी लेते भक्त दिखे तो लोहानीपुर में सन्नाटा पसरा रहा। डाकबंगला चौराहा पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी।

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धुनची नृत्य ने मन मोहा

बंगाली अखाड़े में धुनची नृत्य करते कलाकारों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। हालांकि, इस बार सड़कों के किनारे चाट-पकोड़े की दुकान नहीं दिखी। गुब्बारे वाले जरूर थे, जहां खरीदने के लिए भीड़ लगी थी। कदमकुआं में खाने पीने की दुकानें खुली थीं पर ग्राहक नहीं दिखे। हर बार यहां काफी भीड़ होती थी। बोरिंग रोड पर भी सन्नाटा पसरा रहा।

अखंडवासिनी मंदिर में बही भक्ति की धारा : गोलघर स्थित श्री श्री अखंडवासिनी मंदिर में श्रद्धालुओं ने नवमी तिथि के दिन मां की पूजा अर्चना की। मंदिर के पुजारी मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि यहां 106 वर्षों से लगातार अखंड ज्योत जल रही है। एक में घी और दूसरे में सरसो के तेल का प्रयोग होता है। जो भक्त खास मनोकामना लेकर यहां आते हैं, सरसो का तेल और घी के दीपक जलाते हैं। मंदिर में मां काली की प्रतिमा के साथ माता की बंगलामुखी की प्रतिमा भी स्थापित है। नवरात्र में यहां सात हल्दी, नौ लाल फूल व सिंदूर चढ़ाने की परंपरा है।  नवरात्र को छोड़ हर मंगलवार को यहां पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर के पुजारी विशाल तिवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भक्त मास्क लगा मंदिर में आ कर मां का दर्शन कर रहे हैं। इस बार संक्रमण को देखते हुए भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण नहीं किया गया।

पीढिय़ों से करते आ रहे सेवा :  पटना का यह पहला मंदिर है जंहा  तीन पीढिय़ों से एक ही परिवार के लोग माता की सेवा में लगे हैं। पुजारी विशाल तिवारी ने बताया कि 1914 में उनके बाबा आमी स्थान निवासी आयुर्वेदाचार्य डॉ. विश्वनाथ तिवारी ने इस अखंड दीप को कामाख्या से लाकर यहां स्थापित किए थे। तब से दो अखंड दीप मंदिर में लगातार जल रहे हैं।


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