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पाठकों के बीच अपनी यादें छोड़ विदा हुआ पटना पुस्तक मेला

पुस्तक मेले में आखिरी दिन भी दिखा पाठकों का उत्साह

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 01:04 AM (IST)
पाठकों के बीच अपनी यादें छोड़ विदा हुआ पटना पुस्तक मेला
पाठकों के बीच अपनी यादें छोड़ विदा हुआ पटना पुस्तक मेला

पटना। पुस्तक खरीदने की होड़। अपनी मनपसंद पुस्तकों की तलाश में एक स्टॉल से दूसरे स्टॉल तक दौड़ लगाते पुस्तक प्रेमी। साहित्यिक संगोष्ठी में लेखकों और रचनाकारों से रूबरू होने की बेचैनी। दोस्तों के साथ गांधी मैदान में चाय की चुस्की के साथ साहित्य पर बातचीत। पुस्तक मेले में प्रवेश के लिए टिकट काउंटरों पर लोगों की भीड़ जैसे कई दृश्य मंगलवार से सीआरडी पटना पुस्तक मेले में अब देखने को नहीं मिलेंगे। अब इन चीजों का इंतजार पाठकों को अगले वर्ष तक करना होगा।

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आठ नवंबर से गांधी मैदान में आयोजित सीआरडी 26वां पुस्तक मेला का विश्राम सोमवार को हो गया। मेले के विश्राम पर संगोष्ठी हुई तो दूसरी ओर रंगमंच, साहित्य और कला में बेहतर काम करने वाले लोगों को पुरस्कृत किया गया।

अंतिम दिन भी पुस्तक प्रेमियों की रही भीड़ -

सीआरडी पुस्तक मेले के विश्राम पर अंतिम दिन गांधी मैदान में पुस्तक प्रेमियों की भीड़ विभिन्न पुस्तक स्टॉलों पर खूब रही। मेले में हर उम्र के लोग अपनी मनपंसद पुस्तकों को लेकर स्टॉलों पर घूमते नजर आए। मेले में किसी को 'मधुशाला' की जरूरत थी तो कोई 'आवारा मसीहा' की खोज में भटक रहा था। वही कुछ पाठक 'लालू लीला' पुस्तक खोजते रहे तो बाबा नागार्जुन की रचनाओं को ढूंढ रहा था। कई स्टॉलों प्रमुख लेखकों की रचनाओं का अभाव था, क्योंकि सारी पुस्तकें बिक चुकी थीं। दोपहर से लेकर शाम तक पुस्तक प्रेमियों से पटना पुस्तक मेला गुलजार रहा।

खूब बिकीं सुशील मोदी, रत्नेश्वर, अरुण सिंह व गीताश्री की किताबें

पटना पुस्तक मेले के 11 दिनों में नई किताबों के साथ पुरानी कालजयी किताबों की भी खूब बिक्री हुई। जागरण ने विभिन्न प्रकाशकों के स्टॉल प्रभारी से मेले की टॉप-5 किताबों के नाम पूछे तो यह सूची सामने आई। राजपाल एंड संस

एक लड़की पानी-पानी- रत्नेश्वर

मधुशाला : हरिवंश राय बच्चन

कश्मीरनामा : अशोक कुमार पांडेय

लिट्टी-चोखा और अन्य कहानियां : गीताश्री

जिंदगी 50-50 : भगवंत अनमोल वाणी प्रकाशन -

पटना खोया हुआ शहर : अरुण सिंह

कुली लाइंस : प्रवीण कुमार

गोदान : प्रेमचंद

भूतो न भविष्यति : नरेंद्र कोहली

महासमर : नरेंद्र कोहली राजकमल प्रकाशन

फिर मेरी याद : डॉ कुमार विश्वास

बोलना ही है : रवीश कुमार

उल्लास की नाव : विकास कुमार झा

राग दरबारी : श्रीलाल शुक्ल

चित्रलेखा : भगवती चरण वर्मा प्रभात प्रकाशन -

अग्नि की उड़ान : एपीजे अब्दुल कलाम, अरुण तिवारी

लालू-लीला : सुशील कुमार मोदी

शराबबंदी : धनेश्वर प्रसाद

सुपर-30 : आनंद कुमार

अयोध्या का चश्मदीद : हेमंत शर्मा

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पासवर्ड और पिनकोड को रखें गुप्त -

सीआरडी पुस्तक मेले के विश्राम दिवस पर गांधी मैदान में बने तुलसी मुक्ताकाश मंच पर 'आर्थिक अपराध और साइबर क्राइम' पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एडीजी आर्थिक अपराध इकाई जीएस गंगवार ने तुलसी सभागार में मौजूद छात्र-छात्राओं और लोगों को डिजिटल युग में आर्थिक अपराध से बचने के लिए कई सुझाव दिए। गंगवार ने कहा कि किसी को भी अपना बैंक से जुड़े एकाउंट नंबर, पासवर्ड, ओटीपी आदि साझा न करें। साथ ही ऑनलाइन खरीदारी करने के समय भी सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रकार की दुर्घटना हो तो इसकी खबर पुलिस को जरूर दें। छात्र-छात्राओं से गंगवार ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग सोच-समझ कर करें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी सोशल मीडिया पर न दें। आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्राणतोष कुमार दास ने मंच संचालन करते हुए डिजिटल युग में अपने आप को सतर्क रहने की बात कही। मौके पर डीआइजी आर्थिक अपराध शिव कुमार झा आदि मौजूद थे।

विशिष्ट कार्य के लिए लोगों को किया गया सम्मानित

पुस्तक मेले के विश्राम दिवस पर साहित्य, रंगमंच, पत्रकारिता और कला विषय पर उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया गया। पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने लोगों को सम्मानित करते हुए कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है इन प्रतिभा को मंच देने की। अग्रवाल ने कहा कि मेले का समापन नहीं बल्कि विश्राम है। बिहार की शक्ति साहित्य और कला के लिए जानी जाती रही है। पुस्तक मेले में पाठकों की भीड़ को देख ऐसा लगता है कि अभी भी लोगों में पुस्तकों के प्रति दीवानगी है। डिजिटल युग में पुस्तकें अपनी जगह बनाए रखी है। उन्होंने आयोजकों से कहा कि पटना के अलावा अन्य जिलों में भी पुस्तक मेले का आयोजन कराया जाए जिससे पाठकों की संख्या बढ़े। मौके पर रंगकर्मी विनीत कुमार झा, कलाकार मनोज कुमार बच्चन, रत्‍‌नेश्वर ने अपने विचार दिए। मंच का संचालन विनोद अनुपम ने किया।

इन्हें मिला पुरस्कार -

विद्यापति पुरस्कार - अनुशक्ति सिंह

भिखारी ठाकुर पुरस्कार - चंदन कुमार वत्स

सुरेंद्र प्रताप सिंह पत्रकारिता पुरस्कार - अभिमन्यु कुमार साहा

यक्षिणी पुरस्कार - पिंटू प्रसाद

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मेले में भव्य आयोजन और वरिष्ठ लोगों ने की शिरकत =

पटना पुस्तक मेले में जल पुरुष राजेंद्र सिंह, मेधा पाटेकर, कलाकार ऊषा उथुप, संदीप पालीवाल, फिल्म समीक्षक अनंत विजय, वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिय प्रसाद जैसी शख्सियतों ने शिरकत किया। 15 नवंबर को दैनिक जागरण की ओर से 'सान्निध्य' कार्यक्रम के आयोजन ने मेले में चार-चांद लगा दिया।

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पाठकों का बेहतर सहयोग रहा। अगली बार भी पुस्तक मेले का आयोजन गांधी मैदान में हो। मेले के बहाने पाठकों की जिज्ञासा को समझने का मौका मिलता है। नई रचनाओं के साथ पाठकों के बीच अगले वर्ष होंगे।

संतोष मिश्रा, विक्रय प्रतिनिधि, राजपाल एंड संस

पटना के पुस्तक प्रेमियों की बात अलग है। इन लोगों का हमेशा से सहयोग मिलता रहा। उम्मीद है अगले वर्ष नये किताबों के साथ मेले में आकर पाठकों का प्यार पाएं।

दिनेश, विक्रय प्रतिनिधि, वाणी प्रकाशन

मेले में पाठकों का बेहतर सहयोग मिला। गांधी मैदान में लगने वाले मेले की बात कुछ और होती है। आने वाले दिनों में पुस्तक मेला गांधी मैदान में हो।

योगेंद्र यादव, विक्रय प्रतिनिधि, राजकमल प्रकाशन

नए लेखकों की पुस्तक मेले में खूब बिकी। पाठकों को अच्छा सहयोग मिला। अगले वर्ष नई किताबों के साथ पाठकों के बीच होंगे।

अमित शर्मा, विक्रय प्रतिनिधि, प्रभात प्रकाशन


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