दिल्ली की तुलना में पटना की हवा अधिक जहरीली, प्रदूषण फैलाने वाले 52 वाहन जब्त Patna News
पटना की हवा में जहर घुल रहा है। एेसे में प्रशासन की नजर प्रदूषण फैलाने वाले वाहन पर तेढ़ी हो गई है। इसके लिए विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है।
पटना, जेएनएन। राजधानी की हवा जहरीली होती जा रही है। हवा में इतना गुबार है कि पटना ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) का स्तर पटना में 238 पर पहुंच गया है। वहीं दिल्ली में इसका आंकड़ा 217 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है।
प्रदूषण से निजात के लिए परिवहन विभाग द्वारा छह जगहों पर विशेष वाहन जांच अभियान चलाया गया। शहर में चल रहे वाहन प्रदूषण जांच अभियान का जायजा परिवहन सचिव संजय अग्रवाल और राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने स्पॉट पर जाकर लिया। अभियान के दौरान मोबाइल पॉल्यूशन वैन से ऑन स्पॉट वाहनों की प्रदूषण जांच की गई और जांच में फेल पाए गए वाहनों पर हाथों-हाथ कार्रवाई की गई।
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि सुबह से लेकर देर शाम तक चले अभियान में 342 वाहनों की जांच की गई, जिसमें 60 वाहनों से जुर्माना वसूला गया और प्रदूषण फैलाते 52 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। विशेष जांच अभियान में मुख्य रूप से ऑटो, पिकअप वैन, सिटी बस और जुगाड़ वाहनों के प्रदूषण की जांच की गई। जांच टीम द्वारा आयकर गोलंबर, बिहार म्यूजियम बेली रोड, जीरो माईल में दो जगह, धनुकी मोड़ पर दो जगह पर वाहनों की जांच की गई। हर जांच टीम के साथ मोबाइल पॉल्यूशन वैन की व्यवस्था की गई है। टीम में एमवीआइ, ईएसआइ और रोड सेफ्टी की टीम शामिल है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना जरूरी
परिवहन सचिव ने बताया कि पटना शहर की परिवेशीय वायु गुणवता में सुधार के लिए यह आवश्यक है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए। इसके लिए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच अतिआवश्यक है। यह अभियान एक सप्ताह तक लगातार विभिन्न जगहों पर चलाया जाएगा।
दिल्ली से खतरनाक पटना की हवा
दिल्ली और आसपास के शहरों की तुलना में पटना में बुधवार को वायु प्रदूषण अधिक रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) का स्तर दिल्ली में 217 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। पटना में यह स्तर 337 दर्ज किया गया।
बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार गया में पीएम2.5 का स्तर 238 और मुजफ्फरपुर में 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के निकटवर्ती शहरों में गाजियाबाद में पीएम2.5 का स्तर 299, गेट्रर नोएडा में 242 और गुरुग्राम में 172 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। प्रदूषित हवा के मामले में देश में कुरुक्षेत्र अव्वल रहा। यहां पीएम2.5 का स्तर 417 और करनाल में 410 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।