एम्स पटना में एक छत के नीचे सभी पैथोलॉजी जाच
शुक्रवार को एम्स पटना में विकृति विज्ञान सह पैथोलॉजी लैब का उद्घाघन किया गया।
पटना (फुलवारीशरीफ)। शुक्रवार को एम्स पटना में विकृति विज्ञान सह पैथोलॉजी लैब का उद्घाटन निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने किया। अब संस्थान में एक ही स्थान पर केन्द्रीय प्रयोगशाला के साथ ही कैंसर जैसी बीमारियों की जाच एक ही छत के नीचे होगी। पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम प्रसाद बदानी ने कहा कि बहुत जल्द ही एम्स पटना में युमिनो हिस्टो केमिस्ट्री जाच की भी शुरुआत की जाएगी। यह जाच कैंसर मरीजों को लाभ पहुंचाएगी। इस जांच में एक कार्ड (चिप्स) के माध्यम से कैंसर जैसी बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है। फ्लो साईटोमैट्री मशीन की शुरुआत भी बहुत जल्द होगी। सुई के माध्यम से कोशिका निकालकर कैंसर की जाच विकृति विज्ञान विभाग में की जाती है। : लैब से अन्य बीमारियों की भी जांच :
विकृति विज्ञान सह पैथोलॉजी लैब के शुरू होने से अब मरीजों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। कैंसर के साथ कालाजार, मलेरिया की जाच अब एक ही छत के नीचे होने से मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी। इस मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह, डॉ. प्रीताजलि सिंह, डॉ. उमेश बदानी समेत कई विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहे।
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क्या है यूमिनो हिस्टो केमिस्ट्री जाच : कार्ड (चिप्स) के माध्यम से एक बूंद खून से कैंसर जैसी बीमारी का सटीक पता लगाया जा सकता है। कार्ड पर खून का कतरा गिरते ही उसका रंग बेरंग हो तो यह पता लग जाता है कि मरीज कैंसर पीड़ित है। चूंकि यह कार्ड बहुत महंगा होता है, एक कार्ड के माध्यम से कई मरीजों की जाच एक बार में की जा सकती है। इसलिए एम्स पटना में जाच के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ते ही यूमिनो हिस्टो केमिस्ट्री जाच की शुरुआत हो जाएगी।