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परिवर्तन रैली : जनता से जुडऩे का अंदाज जुदा

राजग की गया में रविवार को संपन्न परिवर्तन रैली में नरेंद्र मोदी (नमो) को सुनने के लिए अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। रैली के प्रति जनता को आकर्षित करने के लिए परंपरागत तरीके तो अपनाए ही गए, जो नहीं आ सके, उन्हें जोडऩे के लिए संचार तकनीक का भी प्रयोग किया गया।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2015 07:53 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2015 08:03 AM (IST)
परिवर्तन रैली : जनता से जुडऩे का अंदाज जुदा

पटना [अमित आलोक]। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की गया में रविवार को संपन्न 'परिवर्तन रैलीÓ में नरेंद्र मोदी (नमो) को सुनने के लिए अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। रैली के प्रति जनता को आकर्षित करने के लिए परंपरागत तरीके तो अपनाए ही गए, जो नहीं आ सके, उन्हें जोडऩे के लिए संचार तकनीक का भी पूरा प्रयोग किया गया। इसका असर यह हुआ कि नमो की यह रैली देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक हर वैसी जगह हिट रही, जहां बिहारी आबादी बसती है।

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रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, लेकिन शहर के बाहर रहने वाली शेष जनता के लिए भाजपा ने इस बार संचार तकनीक का सहारा लिया। पार्टी ने अपने यू-ट्यूब चैनल व वेबसाइट \क्र4ह्व1ड्ड४द्बठ्ठस्रद्बड्ड.ह्ल1 पर परिवर्तन रैली का लाइव प्रसारण किया।

इसके लिए भाजपा ने पूरी तैयारी की थी। रैली ग्राउंड में तकनीकी ज्ञान वाले करीब तीन सौ कार्यकर्ताओं की फौज तैनात दिखी। ऐसे कार्यकर्ता ट्विटर व फेसबुक जैसे सोशल साइट्स पर भी लगतातार अपडेट्स देते रहे। इसके लिए वे जनता की नब्ज टटोलते जा रहे थे।

रैली में उपस्थित लोगों की नब्ज टटोलने का फायदा यह दिखा कि सोशल साइट्स पर जनता को आकर्षित करने वाली बातें उभरकर सामने आईं। इससे सोशल साइट्स के पोस्ट लोकप्रिय बने।

यू-ट्यूब टेलीकास्ट व सोशल साइट्स गया के बाहर के बिहारवासियों को जोडऩे के माध्यम बने। पटना निवासी सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी यूसी प्रसाद व मोतिहारी के व्यवसायी राजेश लोहिया ने कहा कि उन्होंने इनसे रैली का हाल जाना। सिवान के अधिवक्ता राजीव सिंह के अनुसार टीवी चैनलों पर रैली का लाइव प्रसारण तो हो रहा था, लेकिन पार्टी के प्रसारण का आकर्षण कुछ अलग रहा। पटना निवासी हाउसवाईफ नीतू कहती हैं कि उन्हें घर के काम से ही फुर्सत नहीं मिलती, लेकिन मोदी की रैली को अपने स्मार्टफोन पर देखने से खुद को रोक नहीं सकीं।

मोदी की यह रैली राज्य के बाहर रहने वाली बिहारी जनता के बीच भी लोकप्रिय रही। दिल्ली की एक कंपनी में बिजनेस डेवलपमेंट डायरेक्टर निशि सिंह ने मोदी की रैली को टीवी चैनलों के अलावा पार्टी की वेबसाइट पर भी देखा। मुंबई के शुभ्र हर्ष व सात समंदर पार यूएस में रहने वाली रितम प्रिया ने भी रैली पर नजर बनाए रखी। रितम के अनुसार, यूएस मीडिया में मोदी की रैली को लाइव कवरेज नहीं मिलन के कारण उन्होंने पार्टी की वेबसाइट का ही सहारा लिया।

साइबर प्रचार के अलावा पार्टी ने गया में बैनर-पोस्टर से परंपरागत प्रचार को भी गंभीरता से लिया। भाजपा ने प्रचार के कुछ अन्य अलग तरीके भी अपनाए। केसरिया टोपी से लेकर गंजी व धोती-कुर्ता, यहां तक कि भाजपा का प्रचार करते पानी के बोतल तक खूब दिखे। सावन के महीना में केसरिया रंग का यह आकर्षण परवान चढ़ता दिखा।

रैली के रास्तों व ग्राउंड में नरेंद्र मोदी की वेशभूषा में रंगे कार्यकर्ताओं का अपना अलग ही आकर्षण रहा। आम जनता के बीच जाकर ऐसे संपर्क करते दिखे।


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