प्रसूता को प्रशिक्षण देकर सिखाया जाएगा नवजात को कुपोषण मुक्त बनाने का गुर
बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने का बीड़ा सरकार ने उठा लिया है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं और सहायिकाएं प्रसूता को स्तनपान का महत्व बताएंगी।
By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 01:43 PM (IST)
पटना, जेएनएन। अब कोई बच्चा कुपोषण का शिकार नहीं रहेगा। आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाएं और सहायिकाएं नवजात शिशुओं को कुपोषण मुक्त बनाएंगी। प्रसूता को स्तनपान का महत्व सिखाएंगी। जागरूक करेंगी कि छह माह तक नवजात को सिर्फ मां का दूध पिलाएं। पटना जिले में साढ़े चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं। शनिवार से प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण का उद्घाटन जिला उपविकास पदाधिकारी आदित्य प्रकाश ने किया।
आदित्य प्रकाश ने कहा कि मां का दूध पीने से बच्चे कुपोषण मुक्त बनेंगे। मां का भी पोषाहार की राशि मिलनी चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले में हैं। गर्भवती महिला की जानकारी रखें। उन्हें पोषाहार समय पर दिलाएं। बच्चे के जन्म लेते ही मांग का दूध पिलवाएं। छह माह तक मां के दूध पर ही रखने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर जिला प्रोग्राम अधिकारी भारती प्रियंदा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र नवजात शिशु और मां को कुपोषणमुक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
सिविल सर्जन प्रमोद कुमार झा ने कहा कि स्तनपान के प्रति बढ़ावा देने के लिए एएनएम कारगर साबित होंगी। प्रशिक्षण में बख्तियारपुर, बेलछी, पालीगंज एवं फुलवारीशरीफ प्रखंड की बाल परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, प्रभारी चिकित्सक, एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण लगातार जारी रहेगा। दूसरे चरण में प्रखंड मुख्यालयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा।
प्रशिक्षण की तिथि घोषित :
17 दिसंबर : खुसरुपुर, दुल्हिनबाजार, धनरुआ
18 दिसंबर : पुनपुन, संपतचक और दानापुर
21 दिसंबर : बाढ़, अथमलगोला और बिक्रम
24 दिसंबर : नौबतपुर, मनेर, बिहटा
26 दिसंबर : पटना सदर
27 दिसंबर : फतुहां, दनियावां, पटना ग्रामीण
28 दिसंबर : मसौढ़ी, पंडारक, मोकामा और घोसवरी।
आदित्य प्रकाश ने कहा कि मां का दूध पीने से बच्चे कुपोषण मुक्त बनेंगे। मां का भी पोषाहार की राशि मिलनी चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र गांव-गांव और मोहल्ले-मोहल्ले में हैं। गर्भवती महिला की जानकारी रखें। उन्हें पोषाहार समय पर दिलाएं। बच्चे के जन्म लेते ही मांग का दूध पिलवाएं। छह माह तक मां के दूध पर ही रखने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर जिला प्रोग्राम अधिकारी भारती प्रियंदा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र नवजात शिशु और मां को कुपोषणमुक्त करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
सिविल सर्जन प्रमोद कुमार झा ने कहा कि स्तनपान के प्रति बढ़ावा देने के लिए एएनएम कारगर साबित होंगी। प्रशिक्षण में बख्तियारपुर, बेलछी, पालीगंज एवं फुलवारीशरीफ प्रखंड की बाल परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, प्रभारी चिकित्सक, एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण लगातार जारी रहेगा। दूसरे चरण में प्रखंड मुख्यालयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा।
प्रशिक्षण की तिथि घोषित :
17 दिसंबर : खुसरुपुर, दुल्हिनबाजार, धनरुआ
18 दिसंबर : पुनपुन, संपतचक और दानापुर
21 दिसंबर : बाढ़, अथमलगोला और बिक्रम
24 दिसंबर : नौबतपुर, मनेर, बिहटा
26 दिसंबर : पटना सदर
27 दिसंबर : फतुहां, दनियावां, पटना ग्रामीण
28 दिसंबर : मसौढ़ी, पंडारक, मोकामा और घोसवरी।
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