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Facebook LIVE Suicide Case: परमजीत को था बंगाल की लड़की से इश्क, पटना में दोस्त बोला-करना चाहता था शादी

Facebook LIVE Suicide Case 2014 में 11वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान मोहित ने सिख धर्म को स्वीकार कर परमजीत बन गया। पिता ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि उनका बेटा किसी से मोहब्बत करता था।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 10:52 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 11:47 AM (IST)
Facebook LIVE Suicide Case: परमजीत को था बंगाल की लड़की से इश्क, पटना में दोस्त बोला-करना चाहता था शादी
परमजीत ने 2014 में अपना लिया था सिख धर्म। जागरण आर्काइव

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। 'मैं खुदा से कहता हूं कि वह मांगने वाले की मुरादें पूरी करे, मुझसे बेटे का गम नहीं देखा जाता। यह कहते-कहते उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कादरगढ़ निवासी 55 वर्षीय सत्येंद्र धीमान चौक थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता व अपर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार के समक्ष फफक पड़े। 1300 किलोमीटर से आया हूं बेटे की एक झलक दिखा दो। पिता का आग्रह सुन पुलिस पदाधिकारी ने शामली से आए एक दर्जन लोगों को नालंदा मेडिकल कालेज ले जाकर परमजीत का शव दिखाया। पिता शव को शामली ले जाकर मृतक की मां को एक झलक दिखाना चाहते थे। शव से दुर्गंध आने के कारण स्वजनों ने पटना में ही गंगा घाट पर सोमवार की देर रात तीन बजे अंतिम संस्कार कर दिया। 

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2014 में अपना लिया था सिख धर्म

पिता सत्येंद्र धीमान ने बताया कि मोहित के अलावा उनका एक और पुत्र अंशुल है। 2014 में 11वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान मोहित सिख धर्म स्वीकार परमजीत बन गया। पिता ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि उनका बेटा किसी से मोहब्बत करता था। ताऊ प्रदीप धीमान ने बताया कि परमजीत ने दिल्ली, नैनीताल, पाटियाला, हल्द्वानी, रुद्रपुर, गंगा सागर के गुरुद्वारों में कथावाचक तथा मुख्य ग्रंथी के रूप में काम किया। उसकी कथा को सुनने दूर-दूर से संगत आते थे। छह महीने बाद उसकी कनाडा जाने की योजना थी। 

पश्चिम बंगाल की लड़की से प्यार करता था परमजीत

परमजीत के दोस्त कर्मजीत सिंह ने बताया कि सबसे पहले परमजीत के आत्महत्या करने से पहले फेसबुक लाइव को एक दोस्त ने कनाडा में देखा था। कर्मजीत की मानें तो परमजीत पश्चिम बंगाल में रहने वाली लड़की से मोहब्बत करता था। शायद वह लड़की पटना साहिब आई थी। दोस्त के अनुसार परमजीत ने उससे कहा भी था कि रिश्ता ढूंढ़ो, हम शादी करेंगे। उसे क्या पता था कि परमजीत पटना साहिब के एनआरआइ डेरा में एक हजार किराया देकर कमरा संख्या 107 में पंखे से लटक मौत को गले लगा लेगा। ढाई माह पहले वह शामली स्थित घर भी गया था। उसके व्यवहार से यह नहीं लगता था कि वह आत्महत्या कर लेगा। 


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