शहीद के परिजनों की मदद को अब आगे आए पप्पू यादव, कहा- कराएंगे बेटियों की शादी
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों की मदद को लगातार लोग आगे आ रहे हैं। अब सांसद पप्पू यादव शहीदों के परिजनों को मदद करने के लिए आगे आए हैं।
पटना [जेएनएन]। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों की मदद को लगातार लोग आगे आ रहे हैं। अब सांसद पप्पू यादव शहीदों के परिजनों को मदद करने के लिए आगे आए हैं। इसी क्रम में जन अधिकार पार्टी (जाप) के संयोजक पप्पू यादव मंगलवार को बिहार के शहीद सपूत संजय कुमार सिन्हा के परिजनों से मिले। उन्होंने पीड़ित परिवार को मदद करने का आश्वासन दिया। बता दें कि इसके पहले पप्पू यादव ने शहीद रतन ठाकुर के परिजनों से भागलपुर स्थित आवास पर मुलाकात की थी।
जाप संयोजक पप्पू यादव ने मसौढ़ी के शहीद जवान संजय कुमार सिन्हा के परिवार वालों से मिल कर आज नकद एक लाख रूपये की आर्थिक मदद की। साथ ही शहीद की पत्नी, माता-पिता से मिलकर अश्वासन दिया कि इस दुख की घड़ी में वो पूरी तरह से उनके परिवार के साथ हैं। इसके अलावा शहीद संजय के इकलौते पुत्र ओमप्रकाश का मेडिकल में एडमिशन और उनकी दोनों बेटियों की शादी का खर्चा उठाने की बात कही।
पप्पू यादव ने शहीद संजय की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किये। बाद में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर भी सवाल दागे। उन्होंने कहा कि नेताओं को शहीदों से कोई मतलब नहीं है। उन्हें शहीदों पर राजनीति बंद करनी चाहिए। आखिर क्या वजह है कि उरी के शहीदों की बेवा आज दर–दर की ठोकरें खा रही हैं, उन्हें अब तक कोई सहायता नहीं मिल पायी है। पप्पू यादव ने चैलेंज करते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो सरकार ये तय कर दे कि एमपी–एमएलए शहीद के ही परिवार से बनें।
उन्होंने कहा कि हमले के बाद जिस तरह पीएम नरेंद्र मोदी लगातार शिलान्यास कार्यक्रम में व्यस्त हैं, वो उनको बिल्कुल भी शोभा नहीं देता। अभी पूरा देश बदले की आग में जल रहा है और देश का प्रधानमंत्री उद्घाटन जैसे कार्यकर्मो में व्यस्त हैं। उन्होंने इंटेलिजेंस पर भी सवाल खड़े किये और पूछा कि आखिर हमारा इंटेलिजेंस इतना कमजोर क्यों है। और जब अमेरिका ने 15 दिन पहले ही आगाह कर दिया था, तब क्यों सतर्कता नहीं बरती गई। उन्होंने साफ कहा कि सुरक्षा एजेंसी की चूक का ही यह परिणाम है।
गौरतलब है कि इसके पहले सांसद पप्पू यादव दो दिन पहले रविवार को भागलपुर के शहीद रतन कुमार ठाकुर के परिजनों से मिले और उन्होंने पीड़ित परिवार को एक लाख रूपए की आर्थिक मदद दी। साथ ही शहीद रतन के बच्चे को केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कराने का आश्वासन दिया।