पप्पू यादव ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- समीर के हत्यारे को सम्मानित करते हैं बीजेपी नेता
जापलो सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में कोई सुरक्षित नहीं है। हर दिन व्यापारियों की हत्या हो रही है।
पटना [जेएनएन]। जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में कोई सुरक्षित नहीं है। हर दिन व्यापारियों की हत्या हो रही है। ये हत्याएं सत्ता के संरक्षण में हो रही है। तभी तो मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर की हत्या के के आरोपी पिंटू सिंह को भाजपा के लगभग सभी नेता सम्मानित करते हैं। जबकि, खुद एसपी ने समीर हत्याकांड में पिंटू सिंह की संलिप्तता की बात कबूल की है। पप्पू यादव ने ये बातें शनिवार को पटना के गर्दनीबाग में जन अधिकार पार्टी (लो) की ओर से आयोजित भूख हड़ताल सह धरना कार्यक्रम में कहीं।
सांसद पप्पू ने कहा कि इतना ही नहीं, व्यवसायी अखिलेश जायसवाल से जदयू विधायक पप्पू पांडे रंगदारी मांगते हैं। उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों के निशाने पर लगातार व्यवसायी हैं। हाल ही में पटना के कारोबारी गुंजन खेमका की भी अपराधियों ने हत्या की थी। उन्होंने गुंजन खेमका सहित बिहार में बिगड़ी विधि व्यवस्था की बात सदन में उठाई, लेकिन गृहमंत्री ने उसे अनसुना कर दिया। इससे यह लगता है कि न्याय के साथ विकास एनडीए सरकार के लिए जुमला ही है।
सांसद ने बिहार डीजीपी केएस द्विवेदी के बयान के हवाले से कहा कि यह बिहार का दुर्भाग्य है कि पुलिस के मुखिया कहते हैं कि विभागीय पदाधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। वैसी स्थिति में आप कल्पना कर सकते हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की क्या हाल है।
उन्होंने तीन तलाक बिल को लेकर कहा कि जो लोग महिलाओं के उत्पीड़न में अव्वल हैं, वो आज उनके सम्मान की बात कर रहे हैं। आज देश में तलाक की घटनाओं का प्रतिशत 0.006 है, जबकि दहेज की घटनाओं का प्रतिशत 11.2 है और 21 प्रतिशत घटनाएं ऐसी हैं, जिनमें दहेज के नाम पर परिवारों को जेल भेजा गया है। लेकिन इस पर इन लोगों को चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि ये वही 'मी टू' वाले लोग हैं, जो आज तलाक और अन्य धार्मिक मुद्दों पर नफरत की राजनीति कर रह हैं। उन्होंने कहा कि निर्भया–दामिनी रेप केस के बाद से अब तक पुलिस के पास 1 लाख 64 हजार दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं। लेकिन इस पर भी इन नेताओं की चिंता नहीं होती है।