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शरीर में त्रिशूल चुभा पंजर भोकवा मेला में झूमे लोग

सति-सावित्री-सत्यवान की याद में आयोजित होने वाला तीन दिवसीय मेला मंगलवार को संपन्न हुआ

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:58 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:43 AM (IST)
शरीर में त्रिशूल चुभा पंजर भोकवा मेला में झूमे लोग

पटना सिटी। सती सावित्री-सत्यवान की याद में आयोजित होने वाला तीन दिवसीय मेला मंगलवार को संपन्न हुआ। मेला में आई महिलाओं ने पति के दीर्घायु होने की कामना कर पूजा अर्चना किया। मध्य रात्रि में ओझा- गुणियों द्वारा खप्पड़ निकाली गई। मथनीतल, पटना साहिब स्टेशन, चौकशिकारपुर, लोदी कटरा, रानीपुर खिड़की से घूमते हुए सभी रानीपुर बभनगामा स्थित मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना किया। इस मौके पर लोग शरीर के विभिन्न हिस्सों में लोहे का त्रिशूल चुभो कर नाचते-गाते रहे। इस हैरतअंगेज मेला के पीछे कई पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हैं। ओझा-गुणी मां देवी का मंत्रोच्चारण कर खप्पड़ निकाल बीमारी से छ़ुटकारा पाने के लिए और शांति का कामना करते हैं।

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सुबह में हरनाहा टोला देवी स्थान तथा अन्य स्थानों से मुरलीधर, शत्रुध्न कुमार, अमर कुमार, मनोज चौधरी, पप्पु कुमार, दिमागी गोप, सरोज पासवान, गोपाल पासवान, पप्पू सिंह, लालबाबू भगत, उस्ताद दामोदर प्रसाद, जगदीश सिंह, देवनारायण ठाकुर, मूंडा गोप के नेतृत्व में निकली नवयुवकों की टोली अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों में लोहे का दर्जनों त्रिशूलनुमा छड़ भोककर नाचते-गाते करतब दिखाया।

लोक आस्था एवं परम्परा से जुड़े इस मेले में दूर दराज से खंजरिया मंडली का हैरतअंगेज कारनामा देख लोगों ने दातों तले अंगुलियां दबाई। शरीर के चुभे स्थान से एक बूंद खून नहीं निकलता और व्यक्ति को स्वस्थ देख लोग दैविक कृपा मानते हैं। लोक आस्था के इस पर्व में लोग सत नारी के सत्यवान हैं जिनसे हार गए भगवान के गाना गाते चल रहे थे। रात में मुजफ्फरपुर के रामाशंकर व्यास और रूस्तमपुर के अनिल व्यास के चैतावर प्रतियोगिता का लोगों ने रात भर आनंद लिया।

पूर्व पार्षद अवधेश सिन्हा व समाजसेवी प्रेम चौधरी ने इस मेले के ऐतिहासिक स्वरूप में आई गिरावट पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासनिक उपेक्षा की वजह से लोक आस्था का पर्व सिमटता जा रहा है और लोगों की अभिरूचि कम होती जा रही है। लोगों ने बताया कि शराबबंदी होने से भी इसके आकर्षण पर असर पड़ा है। पूर्व में इस मेले की तैयारी पंद्रह दिन पूर्व से शुरू होती थी और आसपास के दर्जनों मोहल्ले से पंजरभोकवा लोग आते थे तथा खंजरिया गाने वाले भाग लेते थे।

सती-सावित्री सत्यवान स्मृति समिति के महासचिव व पूर्व पार्षद अवधेश कुमार सिन्हा, प्रेम चौधरी, ओमप्रकाश निषाद, बलदेव ठाकुर, दरबारी गोप, राकेश स्वर्णकार, सुधीर प्रसाद गुप्ता समेत अन्य ने कहा कि लोक सभा चुनाव में मंदिर का जीर्णोद्धार तथा मंदिर तक यातायात योग्य सड़कों के निर्माण की मांग प्रत्याशियों से की जाएगी।


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