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बालिका गृह कांड: CBI के नित-नए खुलासे से मचा है हड़कंप, अब तक क्‍या हुआ, जानिये

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआइ ने अपनी जांच तेज कर दी है। इससे एक ओर नित नए खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है तो दूसरी ओर जनता सुशासन की सरकार की तरफ आस भरी नजरों से देख रही है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 11:25 PM (IST)
बालिका गृह कांड: CBI के नित-नए खुलासे से मचा है हड़कंप, अब तक क्‍या हुआ, जानिये

पटना [काजल]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड प्रकरण बिहार में हुई बच्चियों के साथ हुए दुराचार की एेसी वारदात है जिसके खुलासे से एक तरफ शर्मिंदगी होती है, खून खौल उठता है तो वहीं सीबीआइ की जांच और बिहार में सुशासन की सरकार पर जनता भरोसे की निगाह से देख रही है।

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दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी साफ-सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं। मामला कोई भी हो वो कार्रवाई करने में देर नहीं लगाते हैं। चाहे तेजाब कांड, पत्रकार हत्याकांड में बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने का हो या नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी राजवल्लभ यादव को जेल भेजने का हो, या फिर रोडरेज केस में अपनी ही पार्टी की एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव को जेल भेजने का हो।

ताजा उदाहरण बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद मंजू वर्मा के इस्तीफा देने के साथ ही एेसे तमाम उदाहरण हैं हैं। जब सुशासन बाबू ने कार्रवाई कर ये कहा कि हम ना किसी को फंसाते हैं ना किसी को बचाते हैं....अब बालिका गृह कांड में भी उन्होंने सीबीआइ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। जनता को सीएम नीतीश कुमार की कही बातोंंपर पूरा विश्‍वास है। 

जेल में बंद है ब्रजेश ठाकुर, सीबीआइ की जांच से मचा है हड़कंप

बच्चियों के साथ हुए इस भयावह अपराध का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर तो जेल में है, लेकिन इस मामले में  कुछ नेताओं के साथ मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के संबंधों का खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इसमें कौन कहां तक संलिप्त है सीबीआइ इसकी तलाश अब जोर-शोर से कर रही है। सीबीआई  को इस संबंध में कुछ अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं।  

ब्रजेश के अखबार के दफ्तर से बरामद हुए आपत्तिजनक सामान 

ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रातःकमल के दफ्तर से सीबीआइ को आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं। अखबार के दफ्तर के उपरी तल्ले के एक कमरे से सीबीआइ को शक्तिवर्धक दवाएं, कंडोम और अश्लील सीडीज मिली हैं। इन साक्ष्यों के साथ ही कई आइकार्ड्स मिले हैं जिनकी सीबीआइ डिटेल्स खंगालने में जुटी है।

इस कमरे से बरामद चार चादरों, तकिये, गिलाफ को जांच के लिए दिल्ली लैब भेजा गया है। सीबीआइ जांच में तेजी लाने के साथ ही इस मामले की एक-एक कड़ी को खंगाल रही है। उधर पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की भी इस मामले पर कड़ी नजर है। 

17 अगस्त को सीबीआइ ने एक साथ 12 जगहों पर एक साथ की छापेमारी

आपको बता दें कि 17 अगस्त को सीबीआइ की टीम ने अहले सुबह एक साथ 12 जगहों पर एक साथ छापा मारा था और कइयों से घंटों पूछताछ कर जानकारियां हासिल की थी। विपक्षी इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर होने की कोशिश कर रहा है। 

जदयू नेता दामोदर राउत से पूछताछ, बेटे पर कार्रवाई

ब्रजेश ठाकुर के रिश्ते जमुई के पूर्व मंत्री दामोदर राउत के पुत्र राजीव राउत से उजागर होने की बात सामने आने पर जदयू ने राजीव राउत को युवा जदयू के प्रदेश महासचिव पद से हटाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया। 

सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसके अनुसार राजीव राउत के ब्रजेश के मुजफ्फरपुर स्थित होटल में ठहरने की बात सामने आई है जिसके बाद पार्टी ने उनपर ये कार्रवाई की है। 2007 में जदयू ने अपने झाझा विधायक दामोदर राउत को समाज कल्याण मंत्री का जिम्मा सौंपा था। सीबीआइ को उपलब्ध सीडीआर में दोनों के बीच 86 कॉल के भी डिटेल्स मिले हैं। 

दामोदर राउत ने ब्रजेश से संबंध पर किया इनकार

पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने अपने पुत्र की संलिप्तता पर सफाई देते हुए कहा कि उनका या उनके पुत्र का ब्रजेश ठाकुर से कोई रिश्ता नहीं है और न ही समाज कल्याण मंत्री रहते वे लोग कभी मुजफ्फरपुर गए। इस मामले में वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं।

बढ़ सकती हैं कई वरिष्ठ अधिकारियों की मुश्किलें

ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु के घर से मिले सरकारी दस्तावेज से समाज कल्याण विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ ने समाज कल्याण निदेशक सुनील कुमार की तलाश तेज कर दी है। लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। 

सुनील कुमार के विदेश भाग जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। सुनील कुमार विगत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए हैं और उसके बाद से ही न तो विभाग के संपर्क में हैं और जांच एजेंसी के। 

जांच में पता चला है कि सुनील कुमार ने अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले 15 से 25 मई के बीच एक-दो नहीं बल्कि राज्य के कुल 76 एनजीओ को करोड़ों की धनराशि उपलब्ध कराई थी। इसमें ब्रजेश ठाकुर और मधु के एनजीओ भी शामिल थे और नियम कानून को ताक पर रखकर विभाग ने महिला शेल्टर होम के संचालन की अनुमति दे दी थी। 

वहीं, सीबीआइ पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के सचिव रहे मिथिलेश मिश्रा की भी तलाश कर रही है। शुक्रवार की छापेमारी में ब्यूरो को मिथिलेश मिश्रा से भी संबंधित दस्तावेज मिले हैं।  

ब्रजेश के करीबी मधु-दिलीप की हो रही तलाश

बालिका गृह कांड में सीबीआई की टीम ब्रजेश ठाकुर के तीन करीबी लोगों की तलाश कर रही है। इनमें से ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु कुमारी, दिलीप कुमार वर्मा शामिल हैं। इनके साथ ही टीम निलंबित सीपीओ रवि रौशन की पत्नी शिभा कुमारी की भी तलाश कर रही है। मधु की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई की टीम बिहार के कई ठिकानों के अलावा नेपाल की खाक छान चुकी है लेकिन अब तक मधु का कोई सुराग नहीं मिला है। 

निलंबित सीपीओ रवि रोशन की पत्नी शिभा कुमारी सिंह पर बालिका गृह मामले में लड़कियों के पहचान उजागर करने का आरोप है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने शिभा पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। 


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