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गोपालगंज में तटबंध टूटने से मची तबाही, बचाने को मजदूर तक बन गए थे DM-SP

बिहार के गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने से तबाही मच गई है। तटबंध को बचाने के लिए डीएम व एसपी ने मजदूरों के साथ मिलकर बाले के बोरे तक ढ़ोए, लेकिन तटबंध टूट ही गया।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 11:30 PM (IST)
गोपालगंज में तटबंध टूटने से मची तबाही, बचाने को मजदूर तक बन गए थे DM-SP
गोपालगंज में तटबंध टूटने से मची तबाही, बचाने को मजदूर तक बन गए थे DM-SP

पटना [जेएनएन]। बिहार के गोपालगंज में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच बुधवार की शाम सिधवलिया प्रखंड के सदौवा गांव के समीप सारण मुख्य तटबंध करीब 10 मीटर तक टूट गया। मुख्य तटबंध के टूटते ही गंडक नदी का पानी तेजी से एनएच 20 की तरफ बढ़ रहा है। श्यापुर गांव के समीप मुख्य तटबंध में रिसाव हो रहा है, जिससे गोपालगंज शहर पर भी खतरा मंडराने लगा है।

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इसके पहले जिले के बरौली के सिकटिया और परसौनी का जमींदारी बांध गंडक के दबाव की वजह से मंगलवार की देर रात ध्वस्त हो जाने के कारण सारण मुख्य बांध पर गंडक का दबाव बढ़ गया था। कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग की टीम युद्ध स्‍तर पर लगी है। वहां डीएम राहुल कुमार व एसपी रविरंजन कुमार भी बालू के बोरे ढ़ोते दिखे। लेकिन, सारण बांध टूट ही गया।

जानकारी के अनुसार गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के बीच बुधवार की शाम सिधवलिया प्रखंड के सदौवा गांव के समीप सारण मुख्य तटबंध करीब 10 मीटर तक टूट गया। गंडक नदी का पानी तेजी से एनएच 20 की तरफ बढ़ रहा है। करीब एक घंटे में ही सारण तटबंध के बाहर के करीब एक दर्जन नए गांव बाढ़ की चपेट में आ गए।

तटबंध टूटने के बाद प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया। प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गईं हैं। देर शाम तक एनडीआरएफ की दो टीमें भी पहुंच गईं हैं। राहत व बचाव कार्य आरंभ है। मुख्य तटबंध टूटने से जिले के बड़े इलाके के साथ ही सारण जिले के एक बड़े इलाके में भी तबाही मचने की आशंका बढ़ गई है।

देर रात से चल रहा था बचाव कार्य

मंगलवार को गंडक नदी के उफान के कारण बरौली प्रखंड के रामपुर गांव के समीप पानी का दबाव बढ़ गया था। मंगलवार को ही देर शाम रामपुर गांव के समीप जमींदारी बांध टूट गया और पानी का दबाव कुछ ही देर में सारण मुख्य तटबंध पर आ गया। प्रशासनिक स्तर पर तटबंध को बचाने का प्रयास मंगलवार की रात से ही प्रारंभ कर दिया गया।

डीएम-एसपी ने भी की मजदूरी

बुधवार की सुबह से ही जिलाधिकारी राहुल कुमार तथा एसपी रवि रंजन कुमार भी मौके पर पहुंच गए तथा तटबंध को बचाने का कार्य तेजी से प्रारंभ किया गया। पूरे दिन डीएम तथा एसपी भी मजदूरों व अन्य पदाधिकारियों के साथ तटबंध की मरम्मत कार्य में लगे रहे। डीएम व एसपी अपने हाथों से बालू की बोरियां ढ़ोते रहे। उनके इस तरह मजदूरों के साथ काम करते देख अन्‍य लाेग भी तत्‍परता से काम में जुट गए।

सारण का मुख्‍य तटबंध टूटा

जिस स्थान पर मरम्मत का कार्य चल रहा था, उससे करीब डेढ़ किलोमीटर पूरब दिशा में सदौवा गांव के समीप अचानक सारण मुख्य तटबंध करीब 10 मीटर की दूरी में टूट गया। तटबंध के टूटते ही चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। तटबंध के बाहर के गांवों के लोग भी खुद को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कवायद में लग गए।

पकहां-शीतलपुर छरकी भी टूटा
गंडक नदी के दबाव के बीच बैकुंठपुर प्रखंड में भी बाढ़ की तबाही बढ़ती जा रही है। बुधवार को दिन के करीब चार बजे पकहां-शीतलपुर छरकी भी टूट गया। छरकी टूटते ही प्रखंड के बहरामपुर, नरवार, गम्हारी दियर तथा कृतपुरा गांव में बाढ़ का पानी फैल गया। तटबंध टूटने के बाद इन गांवों के लोग भी सुरक्षित स्थान की ओर पलायन को विवश हो गए हैं।
श्यापुर गांव के समीप भी मुख्य तटबंध में रिसाव
कुचायकोट प्रखंड के श्यामपुर नया गांव के समीप मुख्य तटबंध से पानी का रिसाव होने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। ड्रेनेज विभाग के सिवार प्रक्षेत्र के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर, बीडीओ दीपचंद्र जोशी, सीओ चौधरी राम सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंच कर अपनी देख रेख में रिसाव रोकने का प्रयास कर रहे  हैं। रिसाव होने से यहां भी मुख्य तटबंध टूटने का खतरा बढ़ गया है। अगर श्यामपुर नया गांव के समीप मुख्य तटबंध टूटा तो जिला मुख्यालय भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है।
राहत कार्य में जुटा प्रशासन
दियारा इलाके के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण जिले के पांच अंचलों में राहत वितरण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। वहां प्रभावित परिवारों को तैयार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। अलावा इसके बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 107 नाव का परिचालन शुरू किया गया है।


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