बेहोश करने की सभी दस मशीनें बेकार, आपरेशन बाधित
नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के निश्चेतना विभाग में मरीजों को बेहोश करने की व्यवस्था नहीं है।
जागरण संवाददाता, पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के निश्चेतना विभाग में मरीजों को बेहोश करने के लिए आपरेशन थियेटर में लगी सभी दस जेनरल एनेस्थीसिया मशीनें बेकार पड़ी हैं। अधिकांश की बैट्री खराब है तो कई में तकनीकी समस्या है। इस कारण अस्पताल में आपरेशन बाधित है। आपरेशन वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। नस और रीढ़ में सूई देकर बेहोश किए जाने से जुड़ा आपरेशन ही हो रहा है।
आपरेशन कराने के लिए दूर-दराज से एनएमसीएच पहुंचने वाले गरीब मरीजों को मौके का लाभ उठा कर दलाल निजी अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं। वहां मरीजों का आर्थिक शोषण जारी है।
निश्चेतना विभाग के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार ने बताया कि जेनरल एनेस्थीसिया लंबे समय से बंद है। विभाग की ओटी में लगी दस मशीनों का बैट्री बैकअप समाप्त हो गया है। कुछ मशीन में तकनीकी समस्या भी आ गयी है। इन मशीनों के काम नहीं करने से लंबे समय तक बेहोश रख कर किया जाने वाला पेट, छाती, हाथ, गरदन, मस्तिष्क से जुड़ा आपरेशन नहीं हो रहा है। नस में सूई देकर बेहोश करने और रीढ़ में सूई लगाकर सुन्न करने जुड़ा आपरेशन हो रहा है। उन्होंने बताया कि मशीनों को ठीक कराने के लिए जनवरी से लेकर अभी तक कई बार स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। अधीक्षक स्तर से बैट्री उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है।
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अधिकतम पांच लाख रुपये खर्च करने के अधिकार से मैंने जेनरल एनेस्थेसिया मशीनों के लिए दस नयी बैट्री खरीदने का आर्डर विभाग द्वारा तय मूल्य पर दिया है। अगले सप्ताह से सभी मशीनें काम करने लगेंगी। जिनमें तकनीकी समस्या है उसकी भी जांच करायी गयी है। 20 और बैट्री का आर्डर दिए जाने की प्रक्रिया जारी है। आवश्यकता पड़ने पर विभाग द्वारा नई मशीन की भी खरीद की जाएगी।
- प्रो. डा. विनोद कुमार सिंह, अधीक्षक, एनएमसीएच