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शीतकालीन सत्र: विपक्ष ने बालिका गृहकांड मुद्दे पर सरकार को सड़क से सदन तक घेरा

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा में मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला छाया रहा। विधान परिषद में भी हंगामा का माहौल रहा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 12:04 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 11:54 PM (IST)
शीतकालीन सत्र: विपक्ष ने बालिका गृहकांड मुद्दे पर सरकार को सड़क से सदन तक घेरा

पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। विधानसभा में मुजफ्फरपुर बालिका गृह का मामला गरमाया रहा तो विधान परिषद में भी कानून-व्‍यवस्‍था सहित अन्‍य मुद्दों को लेकर हंगामा होता रहा। विधानमंडल के बाहर भी विपक्ष का प्रदर्शन जारी रहा।
विधानसभा में गूंजा मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मांग के समर्थन में विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल के कॉल डिटेल्स सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोबाइल के कॉल डिटेल्स सार्वजनिक किये जाने का आश्वासन मिले, तो विपक्ष अपनी सीट पर बैठ जाएगा। इसपर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने अध्यक्ष से कहा कि विपक्ष को अपने सवालों का जवाब सुनने के लिए हंगामा शांत करना होगा और अपनी सीट पर बैठना होगा।  

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इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलने देने की बात कही। उसके बाद तेजस्वी ने माइक खराब होने और इसकी तकनीकी जांच कराये जाने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि सदन की कार्यवाही नियमानुकूल चलने दें। सदन विमर्श का सदन है और जनहित में सदन को चलने दें।

विधान परिषद में भी हंगामा
विधान परिषद में गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही  हंगामे  की  भेंट चढ़ गयी। प्रश्नकाल नहीं चला। अंतराल के बाद भी मात्र छह मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी। सभापति ने सदन की  कार्यवाही शुरू होते ही सदन की सहमति से  राजद के पांच सदस्यों का निलंबन समाप्त करने की विधिवत  घोषणा की। प्रश्नकाल में सदन की कार्यवाही मात्र 14 मिनट ही चली।
 सदन की कार्यवाही  शुरू होते ही केदार नाथ पांडेय ने बुधवार को सदन में हुई घटना के लिए पक्ष -विपक्ष की ओर से खेद प्रकट किया। विपक्ष की नेता राबड़ी देवी सदन में मौजूद थीं।  कार्यकारी  सभापति हारूण रशीद ने दो दिनों के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित राजद के सुबोध कुमार, कमरे आलम, सईद खुर्शीद मोहम्मद मोहसिन , दिलीप राय व राधाचरण सेठ का निलंबन समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने केदार नाथ पांडेय व दिलीप कुमार चौधरी  से पांचों सदस्यों  को  सदन में लाने का आग्रह किया। राजद के रामचन्द्र पूर्वे ने निलंबन वापस लिए जाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
भाजपा के संजय मयूख ने  सूचना पर  खड़े  होकर कहा  कि एक  सर्वे के मुताबिक बिहार में अपराध की घटनाओं  में कमी आयी है। अपराध के मामले  में बिहार 20वें स्थान पर था जो दूसरे  स्थान पर आ गया है। जदयू के दिलीप कुमार चौधरी ने मदरसा शिक्षकों के धरना की सूचना दी। राजद के रामचन्द्र पूर्वे मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को उठाने ही लगे कि सदन की बैठक अंतराल तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
अंतराल के बाद उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सीएजी की रिपोर्ट की प्रति सदन की मेज पर रखी। औद्योगिक विवाद विधेयक भी पारित हो गया। इस बीच कांग्रेस के प्रेमचन्द्र मिश्र ने मुजफ्फरपुर शेल्टर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सरकार को घेरा। राजद के सुबोध कुमार ने जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर के काल डिटेल को सार्वजनिक करने की मांग की। शेल्टर होम के मुद्दे पर पोस्टर लिए राजद सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
सदन के बाहर भी सड़क जाम
बता दें कि देानों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही विपक्ष के नेताओं ने एकजुट होकर सड़क जाम कर दिया और धरने पर बैठ गए। बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पांच दिनों का है। इनमें से तीन दिन पहले ही हंगामे की भेट चढ़ चुके हैं।


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