आधा दर्जन निजी स्कूल ही दे सके फीस से जुड़े सबूत
प्रमंडलीय आयुक्त की ओर से स्कूलों को फीस निर्धारण को लेकर दिशा निर्देश देने के बावजूद असर नहीं
पटना। प्रमंडलीय आयुक्त की ओर से स्कूलों को फीस निर्धारण को लेकर दिशा निर्देश देने के बावजूद आधा दर्जन निजी स्कूलों ने ही अब तक फीस बढ़ाने का सबूत दिया है। राजधानी के अधिकांश निजी स्कूल फीस को बढ़ाने या नियम के अनुसार नहीं बढ़ाने के सुबूत नहीं पेश कर सके हैं। महज आधा दर्जन स्कूलों ने ही फीस बढ़ाने से संबंधित साक्ष्य दिया है।
ज्ञात हो कि सितंबर महीने में प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में निजी स्कूलों को सात फीसद से अधिक फीस नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया गया था। साथ ही पिछले वर्ष में बढ़ी अधिक फीस को एडजस्ट करने का निर्देश दिया था। इसके लिए सभी स्कूलों को क्षेत्रीय उपशिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार ने पिछले सत्र में बढ़ी फीस संबंधित जानकारी साक्ष्य के साथ मांगी थी। अक्टूबर तक लगभग एक दर्जन स्कूलों ने केवल जबाव दिया है। शेष स्कूलों ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। आयुक्त की अनुमति के बगैर सात फीसद से अधिक फीस बढ़ाने पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। बता दें कि निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस बढ़ाने, परिसर में सुरक्षा प्रावधानों की अनदेखी आदि को लेकर आयुक्त ने कई निर्देश दिए थे।
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: समायोजित होनी है पूर्व से बढ़ी फीस :
स्कूलों में सात फीसद से अधिक फीस वृद्धि बगैर अनुमति के नहीं होगी। इसके लिए स्कूलों को अधिक शुल्क वृद्धि करने के लिए कारण के साथ प्रस्ताव आयुक्त की ओर से गठित समिति में भेजना होगा। क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के यहा आवेदन जमा करना होगा। यदि अनावश्यक रूप से शुल्क बढ़ोतरी साबित हुई तो अगले छह माह में राशि समायोजित करनी होगी। अभिभावक अपने अनुसार दुकानों से कॉपी-किताब, ड्रेस आदि खरीद सकेंगे। किसी दुकान से खरीदारी पर दवाब की पहली बार ऐसी शिकायत पर एक लाख और दूसरी बार में दो लाख जुर्माना लगेगा। तीसरी बार में स्कूल की संबद्धता रद करने की सिफारिश होगी।
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: वेबसाइट पर देनी है पूरी जानकारी :
स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर नामांकन शुल्क, पुन: नामांकन शुल्क, विकास शुल्क, मासिक फीस, वार्षिक फीस, ड्रेस का रंग, पुस्तक के प्रकाशक आदि के नाम देनी होगी। स्कूलों को सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देते हुए स्कूलों में सीसीटीवी लगाने, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, महिला काउंसलर, सफाई कर्मी, वाहन पार्किंग, स्कूल बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, के साथ स्कूलों के गार्ड, सफाई कर्मी, आदेशपाल, ड्राइवर आदि कर्मियों का पुलिस का सत्यापन कराने को कहा गया है।