पटना में मात्र ग्यारह हजार रुपये के लिए लाशों को नहीं नसीब हो रही आग
पटना का बांसघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह महज 11,000 रुपये के कंडक्टर के कारण बंद पड़ा है। एक का कंडक्टर तीन सालों से बंद है, तो दूसरे में मामूल खराबी है।
पटना, जेएनएन। पटना के शवदाह गृहों का हाल बेहाल है। यहां लाश को आग तक मयस्सर नहीं हो पा रही है। गरीबों को शव जलाने के लिए चंदे का सहारा लेना पड़ रहा है। बांसघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह महज 11,000 रुपये के कंडक्टर के कारण बंद पड़ा है। यहां लाश जलाने वाली दो मशीनें हैं। इसमें एक का कंडक्टर पिछले तीन सालों से खराब है, जो बिहार में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए कोलकाता से कंडक्टर मंगाना पड़ेगा। वहीं दूसरी मशीन में मामूली खराबी है, लेकिन ठेकेदार को राशि भुगतान नहीं किए जाने के कारण मामला अटका हुआ है।
बकाया न मिलने तक नहीं होगा काम
बांसघाट शवदाह गृह का मेंटेनेंस और निर्माण कार्य का ठेका लेने वाली कंपनी सुमन इंटरप्राइजेज के मालिक सुजीत राय ने बताया कि बीआरजेपी के पास उनका एक करोड़ चालीस लाख रुपये बकाया है। जब तक इस राशि का भुगतान नहीं हो जाता वे आगे काम करने में असमर्थ हैं। बांसघाट शवदाह गृह की एक मशीन का कंडक्टर, आर्मर केबिन और क्वायल पिछले तीन सालों से खराब है। इसमें आर्मर केबिन और क्वायल बदल दिया गया है परंतु कंडक्टर नहीं बदला जा सका है।
उसकी कीमत 11 हजार रुपये है। उसे कोलकाता से मंगाना पड़ेगा। दूसरी मशीन में कुछ तकनीकी खराबी है। उसे ठीक करने में ज्यादा परेशानी नहीं है। परंतु उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे खुद के खर्चे से मशीन को ठीक कर सकें। बकाये राशि के लिए विभाग का चक्कर लगाते -लगाते थक चुके हैं। परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। अधिकारियों की गलती का खामियाजा आम जनता को झेलना पड़ रहा है। यदि उन्हेंं पैसे उपलब्ध करा दिया जाता है तो तीन दिनों में बांसघाट विद्युत शवदाह गृह के दोनों मशीनें चालू हो जाएगी।
निरीक्षण को पहुंचे निगम के अफसर, काम शुरू
दैनिक जागरण में खबर छपते ही शवदाह गृह को मेंटेन करने का काम शुरू हो गया। मंगलवार को बांसघाट विद्युत शवदाह गृह का मुआयना करने निगम अधिकारियों की एक टीम पहुंची। उनलोगों ने वहां मौजूद तकनीशियनों से बात कर उसमें खराबी और आने वाले खर्चे की जानकारी ली। साथ ही मेंटेनेंस और निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी सुमन इंटरप्राइजेज के मालिक सुजीत राय से भी इस संबंध में जानकारी ली।