ऑनलाइन डेटिंग: सावधान! कहीं जी का जंजाल न बन जाए थोड़ी सी मस्ती
आजकल बिना जान-पहचान के ही अॉनलाइन डेटिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इसके कारण युवा कई बार ठगी का शिकार हो रहे हैं। डेटिंग एप का शिकार हो रहे युवाओं में लड़कियों की संख्या ज्यादा है।
पटना [अंकिता भारद्वाज]। जमाना ऑनलाइन डेटिंग तक पहुंच गया है। युवा बिना जान-पहचान के अनजानों से ऑनलाइन मिल रहे। मोबाइल नंबर और तस्वीरें साझा कर रहे और फिर ठगी के शिकार हो रहे। पटना जैसे शहरों में भी युवा तेजी से डेटिंग एप के शिकार हो रहे हैं। जानिए इस रिपोर्ट से....
केस 1 : जी का जंजाल बन गई थोड़ी सी मौज मस्ती
राजापुल में रहने वाली प्रियंका अपने गांव से पटना पढ़ाई करने के लिए आई थी। दोस्तों के कहने पर उसने अपने मोबाइल पर डेटिंग एप इंस्टॉल कर लिया। इसके बाद तो उसकी दुनिया ही बदल गई। थोड़ी देर की मौज-मस्ती जी का जंजाल बन गई। अपरिचित दोस्त को उसने जो-जो तस्वीरें भेजी थीं वो इंटरनेट पर वायरल दिखीं। थक-हार कर जब महिला थाने में मामला दर्ज कराया तो पता चला कि डेटिंग एप के द्वारा साझा की गई तस्वीरों को वायरल किया गया है।
केस 2 : अपरिचितों पर भरोसा करने की मिली सजा
दानापुर की रहने वाली विजया आठवीं कक्षा में पढ़ती है। दोस्तों ने उसे डेटिंग एप के बारे में बताया और टाइमपास के लिए उसने इसे डाउनलोड भी कर लिया। फिर क्या था, नए दोस्त से बात-चीत शुरू हो गई। भरोसा कर उसने अपनी तस्वीर एप के माध्यम से साझा कर दीं।
कुछ दिन बाद उसकी एक दोस्त ने उन्हें बताया कि तुम्हारी फोटो पोर्न साइट पर वायरल है। इसके पहले विजया कुछ समझ पातीं देर हो चुकी थी। लोक-लाज के डर से उसने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। पता चला सारा खेल डेटिंग एप के माध्यम से किया गया है।
केस 3 : पहले मोबाइल पर की बात, फिर की ब्लैकमेलिंग
बोरिंग रोड के रहने वाले प्रशांत ने एक बार यूं ही खाली वक्त में इंटरनेट सर्च करने के क्रम में स्ट्रेंजर टॉक एप डाउनलोड कर लिया। इसके बाद तो ऐसा चस्का कि कई तरह के डेटिंग एप मोबाइल में डाउनलोड हो गए। फिर क्या, लड़कियों से बात करने में कैसे दिन और रात कटने लगे, पता ही नहीं चला।
धीरे-धीरे मोबाइल नंबर भी साझा हो गए। एक दिन फोन आया कि अगर 20 लाख रुपये नहीं दिए तो तुम्हारी पर्सनल तस्वीरें और वॉयस क्लिप इंटरनेट पर साझा कर दूंगी और पुलिस को बोलूंगी कि तुमने मेरे साथ गलत काम किया। बड़े प्रयास के बाद प्रशांत को इस समस्या से निजात मिली।
जानिए किस तरह लड़कियां आ जाती हैं झांसे में
अशोक राजपथ के हॉस्टल में रहने वाली अनु का कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं था। उसने इंटरनेट पर दोस्ती बढ़ाने की सोची और डेटिंग एप का सहारा लिया। एप की खासियत थी की किसी भी अनजान लड़के या लड़की से आप दिल खोल कर बात कर सकते थे। अगर बातचीत ठीक ठाक रही और दोनों राजी हो गए तो आप मिल भी सकते थे।
अनु ने बातचीत की, कुछ लड़कों से मिली भी और फिर ऐसे जाल में फंसी की महिला हेल्पलाइन और पुलिस की मदद से उसे छुटकारा मिला। उसने एप तो अनइंस्टॉल किया ही, दूसरों को भी सचेत किया कि ऐसे एप के चक्कर में न पड़े। राजधानी में महिला हेल्पलाइन, महिला थाना और साइबर क्राइम में ऐसे मामले खूब आ रहे हैं।
15 से 20 साल के युवा हो रहे शिकार
महिला हेल्पलाइन में सबसे अधिक साइबर क्राइम से जुड़े मामले आते हैं। इसमें सबसे ज्यादा 15 से 20 साल की लड़कियां शिकार होती हैं। ये ऐसी लड़कियां होती हैं, जो यहां दूसरे जिलों से आकर हॉस्टल में रहती हैं और डेटिंग एप के जरिए लड़कों से मिलती हैं। ये अपने परिवार और मित्रों से छुप-छुपाकर महिला हेल्पलाइन तक पहुंचती हैं। कुछ लड़कियां तो ऐसी भी होती हैं जो समाज के डर से सामने तक नहीं आ पातीं।
फेक प्रोफाइल से हो रही ठगी
अकसर देखा जाता है कि इन डेटिंग एप पर 16 से 20 वर्ष के लड़के लड़कियां ही हैं, मगर ऐसा होता नहीं है। कई साइबर अपराधी खुद को 16 से 20 साल का बताकर डेटिंग एप या अन्य साइट पर अपनी प्रोफाइल बना लेते हैं। कई बार तो लड़के ही लड़कियों की प्रोफाइल बना लेते हैं और फिर दोस्ती कर एक-दूसरे को ब्लैकमेल करते हैं।
नंबर और तस्वीरें न करें शेयर
सबसे पहले तो ऐसे डेटिंग एप के चक्कर में ही नहीं पडऩा चाहिए। अगर आप ऐसे डेटिंग एप पर पहले से हैं भी तो मोबाइल नंबर और तस्वीरें शेयर करने से बिल्कुल बचें। खासकर लड़कियां। कोई कितनी भी जिद करे या धमकी दे, अपनी पर्सनल जानकारी या तस्वीरें किसी को न दें। महिला हेल्पलाइन में भी पीडि़तों को यही बातें बताई जाती हैं।
शादीशुदा और तलाकशुदा के लिए अलग एप
प्ले स्टोर में कुंवारे लड़के-लड़कियों के लिए तो एप है ही, शादीशुदा और तलाकशुदा लोगों के लिए भी एप हैं। जहां अलग-अलग प्रकार की सुविधा दी गई है। जैसे बिना फोटों के भी लोग एक-दूसरे से बात कर सकते हैं।
प्ले स्टोर पर हैं ये एप
रियल लव, टिंडर, ओके क्पीड, प्लट चैट, ऑन लाइन डेट, मिंगल एप, वाना मिट, यो क्यूटी आदि।
कहा-महिला हेल्प लाइन की प्रोजेक्ट मैनेजर ने
इस तरह के एप के चक्कर में कम उम्र के लोग अधिक पड़ते हैं, क्योंकि उनको पता नहीं होता है कि क्या सही है और क्या गलत। इस तरह के केस में साइबर सेल को और सख्त होने की जरूरत है।
- प्रमिला कुमारी, प्रोजेक्ट मैनेजर, महिला हेल्प लाइन
कहा-महिला थाना की अध्यक्ष ने
डेटिंग एप से लड़कियों के साथ लड़के भी शिकार होते हैं। मामले इतने आते हैं जिसे देखकर लगता है कि यह युवाओं में फैशन की तरह हो गया है। युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है।
- विभा कुमारी, अध्यक्ष, महिला थाना