ऑनलाइन क्लास ने बढ़ाया लैपटॉप का बाजार
लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई ने लैपटॉप के बाजार में उछाल ला दिया है
पटना। लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई ने लैपटॉप के बाजार में उछाल ला दिया है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद खुली दुकानों में लैपटॉप खरीदने वालों की संख्या बढ़ी है। पहले की तुलना में बिक्री अधिक होने के कारण दुकानदार खुश हैं। दुकानदारों को स्टॉक में रखा माल खत्म होने की चिंता सता रही है, क्योंकि इन दिनों माल कम आ रहा है।
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लॉकडाउन में छूट के बाद डाकबंगला स्थित हरि निवास काम्प्लेक्स, एसपी वर्मा रोड आदि जगहों पर स्थित लैपटॉप दुकानों में खरीदारी को लेकर भीड़ कम नहीं हो रही है। एसपी वर्मा रोड़ के विपुल भाई कम्प्यूटर वाले विपुल की मानें तो हर दिन 20-25 लैपटॉप की बिक्री हो रही है। वे बताते हैं कि जिनके पास पहले से स्टॉक है, वे दुकानदार लैपटॉप बेचने में लगे हैं। नया आइटम गिने-चुने ही बाजार में आ रहा है। लैपटॉप के साथ वेब कैमरा, हैंड फोन विथ माइक इन चीजों की बिक्री ठीक हो रही है। 22-35 हजार रुपये की रेंज में लैपटॉप की बिक्री खूब हुई है। इसी प्रकार 10-15 हजार रुपये तक के रेंज में बच्चों की पढ़ाई के लिए टैबलेट की खरीदारी हुई है।
पहले की तुलना में 20-25 फीसद की बिजनेस में वृद्धि
कोरोना संक्रमण के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद होने और ऑनलाइन क्लासेज आरंभ होने के कारण लैपटॉप की मांग बाजार में बहुत बढ़ गई है। हरि निवास काम्प्लेक्स में ग्लोबल सिस्टम दुकान के अजय कुमार साहनी ने बताया कि कई दिनों तक लॉकडाउन के कारण दुकान बंद रही। 25 मई से दुकानें खुली हैं। दुकान खुलने के बाद जो पहले से माल बचा था, उसकी बिक्री खूब हुई। बाजार में सेवन और एट जेनरेशन के लैपटॉप के साथ वेब कैमरा, हेडफोन, वाई-फाई डिवाइस की भी डिमांड खूब बढ़ी है। वही 10-12 हजार रुपये की रेंज में टैब की बिक्री बढ़ी है।
लॉकडाउन के बाद सप्लाई कम
ऑल इंडिया आइटी एसोसिएशन फेडरेशन के सचिव नवीन गुप्ता ने कहा कि बाजार में पहले की तुलना में माल कम आ रहा है। वेब कैम की सप्लाई नहीं के बराबर है वही साउंड सिस्टम का भी बाजार बढ़ा है। पूरे भारत में यही हालात है ऑनलाइन क्लासेज और वर्क फ्रॉम होम के कारण इनकी डिमांड बढ़ी है। दुकानदार अजय कुमार ने कहा कि कई लोगों ने 50-60 हजार के रेंज के भी लैपटॉप की खरीदारी की है। उनके मुताबिक करोड़ों रुपये का कारोबार शहर से प्रतिदिन हो रहा है। स्टॉक कम होने के कारण दुकानदार बहुत से दुकानदार पूरी एमआरपी वसूल रहे हैं और कई जगह तो एमआरपी से अधिक कीमत भी ली जा रही है।