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महिला उद्योग मेले में सवा करोड़ का कारोबार, हस्तशिल्प को मिला बाजार

ज्ञान भवन में चल रहा पांच दिवसीय महिला उद्योग मेला बुधवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 11:57 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 11:57 PM (IST)
महिला उद्योग मेले में सवा करोड़ का कारोबार, हस्तशिल्प को मिला बाजार

पटना। ज्ञान भवन में चल रहा पांच दिवसीय महिला उद्योग मेला बुधवार को संपन्न हो गया। मेले में आखिरी दिन तक करीब सवा करोड़ का कारोबार हुआ। मेले का आयोजन उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान ने किया था। मेले के आखिरी दिन समापन समारोह का आयोजन किया गया। अगला महिला उद्योग मेला होली के पहले तारामंडल में लगेगा।

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मेले के समापन समारोह में प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि महिलाएं सिर्फ गृहिणी नहीं हैं, बल्कि उनके अंदर कई तरह की कार्यक्षमता है। महिला उद्योग मेले ने महिलाओं के हुनर को मुकाम दिलाने का काम किया। महिला उद्योग संघ का यह 25वां वर्ष चल रहा है। इसलिए सरकार ने इस मेले को उपयोगी बनाने के लिए भरसक कोशिश की।

मंत्री ने कहा कि इस भवन को बनाने के पीछे एक अलग तरह की सोच थी। महिला उद्योग मेले जैसे आयोजनों से यह सोच सार्थक साबित हो रही है। ऐसे आयोजनों से बिहार आर्थिक तौर पर समृद्ध हो सकता है। लघु और कुटीर उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। ज्ञान भवन के निर्माण का मकसद पूरा

मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार ने कहा कि जब हमलोग ज्ञान भवन को बनवा रहे थे तो हमें लगता था कि बिहार महिला उद्योग संघ के मेले और इस तरह के अन्य आयोजन गांधी मैदान में करवाने पड़ते हैं। इससे कई तरह की परेशानी होती है। ज्ञान भवन में बिहार महिला उद्योग मेले का लगना यह साबित करता है कि इस जगह का सही उपयोग हुआ है। महिलाओं को मिला अच्छा प्लेटफॉर्म

एएन कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. पूर्णिमा शेखर ने कहा कि महिला उद्योग संघ की महिलाओं की उपलब्धि है कि आज महिला उद्योग संघ इस मुकाम तक पहुंच गया है। इस मेले से महिलाओं को एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिलता है। इसके माध्यम से महिलाएं अपने हुनर को प्रदर्शित करती हैं। सवा करोड़ के सामान की हुई बिक्री

बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा ने कहा कि साल में दो बार मेले को लगाया जाता है। एक बार दशहरा से पहले और दूसरी बार होली के पहले। होली के पहले इस बार तारामंडल में मेला लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार मेले में लगभग सवा करोड़ की बिक्री हुई है। उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उपनिदेशक अशोक कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान बिहार महिला उद्योग संघ के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर केक भी काटा गया। आखिरी दिन लोगों ने की जमकर खरीदारी

बिहार महिला उद्योग मेले के आखिरी दिन लोगों ने जमकर खरीदारी की। बच्चों के खिलौने से लेकर हर वर्ग के लोगों के लिए मेले में जरूरत के सामान मिल रहे थे। मेले में प्रवेश करते ही लखनऊ का खूबसूरत ग्लास लैंप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। महिलाओं के लिए कई स्टॉल ऐसे लगे थे, जहां पर सिर्फ ज्वेलरी आइटम मिल रहे थे। साड़ी, सलवार सूट, लेडिज पर्स, जूता, चप्पल के स्टॉल पर भीड़ लगी रही। कई ऐसे स्टॉल लगे हुए थे, जहां पर मधुबनी पेंटिंग से सजे थैले, साड़ी, दुपट्टा और चादर मिल रही थी। उड़ने वाला खिलौना बच्चों के आकर्षण का रहा केंद्र

मेले में हैंड फ्लाइंग सेंसर आधारित उड़ने वाला खिलौना बच्चों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। इसकी कीमत 650 रुपये थी। यह खिलौना हाथ के ऊपर रखने पर खुद ब खुद उड़ने लगता है। तीन स्टॉल धारकों को किया गया सम्मानित

सबसे अधिक बिक्री करने वाली बेडिंग प्लानर स्टॉल की अंकिता को प्रथम, सीता कनोडिया को दूसरा और त्वेशा चोपरा को तीसरा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इनके अलावे भी कई लोगों को सम्मानित किया गया।


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